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अब तो बड़ा हो गया GST, तभी तो कोरोना संकट के इस दौर में टैक्स कलेक्शन से पिछले 8 महीने से कमाकर सरकार को दे रह है 1 लाख करोड़ से अधिक रुपया

हालांकि यह बात दीगर है कि इसके लागू होने के दिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को टैक्स अफसरों को टास्क देते हुए कहा है कि अब रिवेन्यू कलेक्शन की यह स्पीड स्थायी होनी चाहिए. जीएसटी की चौथी वर्षगांट पर वित्तमंत्री सीतारमण ने टैक्स अफसरों की जमकर तारीफ की है.

नई दिल्ली : आज 1 जुलाई 2021 है. तकरीबन चार पहले आज ही के दिन देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू किया गया था. इस लिहाज से तो अब जीएसटी बड़ा हो गया है और उसने अपने बचपना की उम्र को पार कर लिया है. यही वजह है कि जैसे-जैसे यह बड़ा हो रहा है, उसी गति से देश में जीएसटी के जरिए कर संग्रह की रफ्तार भी तेज हो रही है. सरकार की रणनीति और टैक्स अफसरों की मुस्तैदी ही का नतीजा है कि आज बीते आठ महीनों से देश में जीएसटी से होने वाला रिवेन्यू कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.

हालांकि यह बात दीगर है कि इसके लागू होने के दिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को टैक्स अफसरों को टास्क देते हुए कहा है कि अब रिवेन्यू कलेक्शन की यह स्पीड स्थायी होनी चाहिए. जीएसटी की चौथी वर्षगांट पर वित्तमंत्री सीतारमण ने टैक्स अफसरों की जमकर तारीफ की है.

उन्होंने टैक्स अफसरों को मैसेज भेजकर तारीफ की है. इस मैसेज में उन्होंने कहा है कि बीते 8 महीनों से जीएसटी रिवेन्यू कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अप्रैल 2021 के दौरान 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी रिवेन्यू कलेक्शन देखा गया.

सीतारमण ने कहा कि पिछले साल सुविधा और प्रवर्तन दोनों क्षेत्र में सराहनीय काम किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले डीलरों और आईटीसी के कई मामले दर्ज किए गए. हाल के महीनों में बढ़ा हुआ रिवेन्यू कलेक्शन अब स्थायी रूप से होना चाहिए.

वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच जीएसटी कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और करदाताओं को उनके समर्थन के लिए थैंक्स भी किया है. उन्होंने जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के कर अधिकारियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कोई भी सुधार बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

वित्त मंत्रालय 54,000 से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और टैक्स का कैश पेमेंट करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा. चिह्नित टैक्सपेयर्स में तकरीबन 88 फीसदी से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी शामिल हैं. इसमें सूक्ष्म (36 फीसदी), लघु (41 फीसदी) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 फीसदी) शामिल हैं. ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं, जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं. जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है. इस दौरान जीएसटी रिवेन्यू में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती रही और पिछले आठ महीने से यह लगातार 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है.

बता दें कि देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी. अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तौर पर इस व्यवस्था को शुरू किया गया. जीएसटी में केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगाने वाले उत्पाद शुल्क, सर्विस टैक्स, वैट और 13-उपकर जैसे कुल 17 तरह के करों को समाहित किया गया है.

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