नयी दिल्ली : देश में अब नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति आसमान में ड्रोन नहीं उड़ा सकेगा. डीजीसीए से अनुमति मिलने के बाद उस व्यक्ति को ड्रोन उड़ाने के लिए दक्ष (स्किल्ड) रिमोट पायलट भी रखना होगा. नागर विमानन मंत्रालय ने देश में ड्रोन के विनिर्माण और इस्तेमाल के लिए नियमों का मसौदा जारी किया है.
नियमों के मसौदे में इस बात का प्रस्ताव किया गया है कि कोई भी अधिकृत ड्रोन बनाने या उसका आयात करने वाली कंपनी उसकी की बिक्री विमानन क्षेत्र के डीजीसीए से मान्यता प्राप्त व्यक्ति या इकाई को ही कर सकता है. नियमों का मसौदा ऐसे समय जारी किया गया है, जब कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के मद्देनजर निगरानी, संक्रमण दूर करने और वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ गया है.
मंत्रालय की ओर से जारी नियमों में कहा गया है कि ड्रोन के आयातक, विनिर्माता, व्यापारी, मालिक या परिचालक को डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी. कोई भी आयातक या विनिर्माता सिर्फ अधिकृत व्यापारी या मालिक को ही ड्रोन बेच सकेगा. मसौदे में यह भी कहा गया है कि डीजीसीए के पास मानवरहित विमान प्रणाली (UAS) के पास इन नियमों के तहत किसी तरह की अनुमति देने से पहले यूएएस के विनिर्माण या रखरखाव सुविधा के निरीक्षण का अधिकार होगा.
इसमें कहा गया है कि देश में कोई भी यूएएस तीसरे पक्ष के बिना वैध बीमा पॉलिसी के बीच परिचालन नहीं कर सकेगा. इसके अलावा, कोई यूएएस डीजीसीए द्वारा दी गयी अनुमति से अधिक भार नहीं ढो सकेगा. नियमों के मसौदे में कहा गया है कि देश में सिर्फ नैनो कैटेगरी के 250 ग्राम से कम के ड्रोन के परिचालन की अनुमति होगी. भारी ड्रोन के परिचालन के लिए एक दक्ष रिमोट पायलट जरूरी होगा.
Posted By : Vishwat Sen
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