होली से पहले सरकार का बड़ा तोहफा : अब हर छह महीने में बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी

महंगाई की मार झेल रहे संगठित औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारियों को सरकार ने होली से पहले बड़ा तोहफा दिया है और वह यह कि अब इस क्षेत्र के करीब तीन करोड़ कर्मचारियों की सैलरी हर छह महीने पर बढ़ायी जायेगी.

By KumarVishwat Sen | March 4, 2020 9:05 PM

नयी दिल्ली : अगर आप नौकरी-पेशा हैं और महंगाई की मार झेल रहे हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है और वह यह कि अब आपको अपनी सैलरी इनक्रीमेंट के लिए सालभर इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब हर छह महीने पर महंगाई की मार से बचाने के लिए वेतन में बढ़ोतरी की जायेगी. बुधवार को मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी हर छह महीने पर बढ़ायी जायेगी. इससे औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले तीन करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा.

दरअसल, केंद्र सरकार ने कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई के बोझ को कम करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम करने वाले करीब 3 करोड़ कर्मचारियों का महंगाई बढ़ने के हिसाब से हर 6 महीने में वेतन बढ़ाया जायेगा. सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति ने ऐसे कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा एक नया आधार तय किया है, जिनका महंगाई भत्ता इस महंगाई सूचकांक से जुड़ा होगा.

गौरतलब है कि मुख्य श्रम एवं रोजगार सलाहकार बीएन नंदा के नेतृत्व में एक त्रिपक्षीय समिति की 27 फरवरी को एक बैठक आयोजित की गयी थी. इस बैठक में इंडस्ट्रियल सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक नयी सीरीज के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) को मंजूरी दी गयी थी. इसके लिए 2016 को आधार वर्ष बनाया गया था. इस फैसले से देश में संगठित इंडस्ट्रियल सेक्टर के 3 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.

केंद्र सरकार एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का आंकलन हर छह महीने पर होता है. इसके लिए सीपीआई-आईडब्ल्यू को आधार बनाया जाता है, लेकिन 2001 के बाद सीपीआई-आईडब्ल्यू में संशोधन नहीं हुआ है. हालांकि, इसमें हर पांच साल में बदलाव होना चाहिए.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version