NPS vs OPS comparison : पुरानी पेंशन स्कीम का मामला संसद में उठा, जानें NPS और OPS में क्या है फर्क…

2005 में नयी पेंशन नीति अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में लागू की गयी थी, लेकिन बाद में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग करने लगे. इसकी वजह यह है कि इस योजना में कर्मचारियों को कई लाभ मिलते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2022 6:03 PM

सांसद देबाश्री चौधरी ने लोकसभा में एक बार फिर पुरानी पेंशन स्कीम और राष्ट्रीय पेंशन स्कीम का मामला उठाया और प्रधानमंत्री से यह सवाल पूछा कि क्या उच्चतम न्यायालय ने एसएलपी संख्या 15312-15321/2021 सहित आधा दर्जन से अधिक विशेष अनुमति याचिका और समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया है और आदेश दिया है कि केंद्र सरकार के वे कर्मचारी जिनके पद विज्ञापन 01/01/2004 से पहले जारी किए गए थे और जिनकी ज्वाइनिंग व परिणाम 31.12.2003 के बाद घोषित हुआ था, उन्हें पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाये? साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन नीति और पुरानी पेंशन नीति से जुड़े तमाम सवालों के जवाब भी मांगें.

देबाश्री चौधरी ने पूछा सवाल

देबाश्री चौधरी के सवाल के जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को, जिनकी चयन प्रक्रिया 01.01.2004 के बाद पूरी हुई थी, पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की अनुमति देने वाले दिल्‍ली उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध केंद्र सरकार द्वारा दायर कुछ एसएलपी/समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया है. वित्तीय सेवा विभाग ने अपनी टिप्पणियों में सूचित किया है कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग उन कर्मचारियों, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन दिनांक 01.01.2004 को या उससे पहले जारी किया गया था, को एनपीएस के दायरे से बाहर करने और उन्हें ओपीएस के तहत कवर करने के संबंध में समुचित निर्णय ले सकता है

अभी जारी नहीं हुआ आदेश

विधि विभाग ने सूचित किया है कि दिनांक 01.01.2004 से पूर्व जारी किए गए रिक्ति संबंधी विज्ञापन /अधिसूचना के आधारपर दिनांक 01.01.2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवा में नियुक्त किये गये सरकारी सेवकों को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत कवर करने के लिए कार्यकारी निर्देश जारी करने के प्रशासनिक निर्णय से संबंधित मुद्दे की इस विभाग में जांच की गई तथा उसे सही पाया गया है. हालांकि इस संबंध में सामान्य आदेश जारी करने का कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है.

पुरानी पेंशन योजना और नयी पेंशन नीति में फर्क

2005 में नयी पेंशन नीति अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में लागू की गयी थी, लेकिन बाद में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग करने लगे. इसकी वजह यह है कि इस योजना में कर्मचारियों को कई लाभ मिलते हैं. ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती. जबकि राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है. पुरानी पेंशन योजना में GPF की सुविधा है. जबकि NPS में जीपीएफ को जोड़ा नहीं गया है. पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलता है. जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. एनपीएस की यह एक सबसे बड़ी कमी है जिसकी वजह से राष्ट्रीय पेंशन नीति की मांग यूनियन कर रही है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version