NRI Chaiwala, न्यूजीलैंड से भारत लौटे जगदीश ने अलग-अलग फ्लेवर की बनाई चाय, जानिए क्या है उनका फंडा और कमाई

Indian Man Returns From New Zealand Plans To Sell NRI Chaiwala दिल्ली के रहने वाले NRI जगदीश कुमार ने चाय को नए रंग और फ्लेवर के साथ लोगों के सामने पेश कर कमाई के साथ-साथ अपनी पहचान भी बनाई है. न्यूजीलैंड के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करने वाले जगदीश कुमार करीब तीन साल पहले भारत लौटे और एनआरआई चायवाला के तौर पर अपना कारोबार शुरू किया. इतना ही नहीं, जगदीश ने चाय बेचकर एक साल में करीब 1.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2021 5:33 PM

Indian Man Returns From New Zealand Plans To Sell NRI Chaiwala दिल्ली के रहने वाले NRI जगदीश कुमार ने चाय को नए रंग और फ्लेवर के साथ लोगों के सामने पेश कर कमाई के साथ-साथ अपनी पहचान भी बनाई है. न्यूजीलैंड के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करने वाले जगदीश कुमार करीब तीन साल पहले भारत लौटे और एनआरआई चायवाला के तौर पर अपना कारोबार शुरू किया. इतना ही नहीं, जगदीश ने चाय बेचकर एक साल में करीब 1.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.

एनआरआई जगदीश कुमार हर्ब्स मिलाकर अलग-अलग फ्लेवर की चाय बनाते है और इन सभी वैराइटी में कुछ खास मसाले भी डाले जाते हैं, जो उनकी सीक्रेट रेसिपी हैं और इसे वे किसी से शेयर नहीं करते हैं. एनआरआई चायवाला ने बड़ी ही अनूठे ढंग से अपने विभिन्न फ्लेवर्स वाली चाय के नाम रखे हैं. मम्मी के हाथ वाली चाय, प्यार मोहब्बत वाली चाय, उधार वाली चाय, मसाला चाय, तंदूरी चाय, मिंट चाय, चॉकलेट चाय, मर्दों वाली चाय, ये कुछ फ्लेवर के अनूठे नाम हैं, जिन्हें इनके नामों के अनुसार ही तैयार किया गया है. प्यार-मोहब्बत वाली चाय में आधा दूध, आधा पानी, इलायची फ्लेवर, रोज पैटल मिलाकर चाय सर्व की जाती है, ये लड़के-लड़कियों को दी जाती है, इसे बेहद पसंद किया जा रहा है.

जगदीश कुमार ने भोपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से ग्रैजुएशन करने के कुछ सालों बाद न्यूजीलैंड चले गए थे और वहां हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम कर रहे थे. लाखों में सैलरी थी और पंद्रह वर्षों तक उन्होंने वहीं काम किया. फिर साल 2018 में वे भारत लौट आएं और महाराष्ट्र के नागपुर से अपने व्यवसाय की शुरूआत की थी. यहां उन्होंने एनआरआई चायवाला शुरू किया और आज उनके पास चाय की 45 वैरायटी हैं. जिसमें उन्होंने अलग-अलग हर्ब्स को मिलाकर चाय तैयार करते हैं. इससे सालाना वे 1.8 करोड़ रुपये कमा रहे हैं.

जगदीश कुमार देश में चाय को स्टेटस सिंबल बनाना चाहते हैं. उनका कहना है कि भारत चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है. हमें वहां सबसे अच्छी चाय पीनी चाहिए. लेकिन, यहां पर ज्यादातर चाय स्तरहीन होती है. मैं चाहता हूं कि भारत दुनिया में चाय उद्योग में ग्लोबल लीडर बने. इसलिए मैंने अब तक पैत्तालिस प्रकार की चाय बनाई है, वो भी हमारे आयुर्वेद के मिश्रण से, जो लोगों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होगी.

नोएडा के सेक्टर 63 में भी जगदीश कुमार का आउटलेट हैं और यहां 35 प्रकार के चाय उपलब्ध कराए जाते है. एनआरआई चायवाला के आउटलेट में प्योर इंडिया वाली फील लाने के लिए पुरानी फिल्मों के पोस्टर, रेडियो अमीन सयानी की आवाज और पुराने बॉलीवुड गीतों की खनक सुनाई देती है. जगदीश कहते हैं कि हमारे आउटलेट में चाय के लिए आधे घंटे की वेटिंग होती है.

जगदीश कुमार अब टी लीफ को भी भारत और वैश्विक बाजार में लांच करने की ओर बढ़ रहे हैं. स्टार्टअप द्वारा तैयार की गई योग माया चाय में 35 तरह की हर्ब्स और स्पाइस का मिश्रण डाला गया है, इसी के साथ स्टार्टअप निरोग्य चाय और बच्चों के लिए भी खास तरह की किड्स चाय को भी विकसित करने का काम किया है. जगदीश का दावा है कि इस चाय को लोगों को शारीरिक तौर पर लाभ देने के लिए तैयार किया गया है.

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