NTPC News एनटीपीसी के पूर्ण स्वामित्व वाली नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी (NPGC) के थर्मल पावर स्टेशन के 660 मेगावाट की तीसरी इकाई ने दिनांक 6 मार्च 2022 को अपने 72 घंटे फुल लोड ट्रायल-रन ऑपरेशन को केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (CERC) के मानदंडो के अनुपालन के साथ सफलतापूर्वक कमीशन कर लिया. एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चन्दन ने बताया कि बिजली प्लांट के किसी इकाई का ट्रायल-रन व कमीशनिंग करना अर्थात संबन्धित इकाई को केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के मानदंडों के तहत इसे इसके उच्चतम उत्पादन क्षमता पर लगातार 72 घंटें तक सफलतापूर्वक विद्युत उत्पादन करना है.
एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चन्दन ने बताया कि कुल 19,412 करोड़ की लागत से सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित 660 मेगावॉट की तीन इकाईयों के साथ कुल 1980 मेगावॉट की यह कोयला आधारित परियोजना बिहार के औरंगाबाद जिले के बारून प्रखण्ड में स्थित है. भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने इस परियोजना की 84.8 प्रतिशत बिजली गृह राज्य बिहार को आबंटित की है, शेष बिजली उत्तर प्रदेश, झारखंड और सिक्किम राज्यों को आबंटित की गई है.
उल्लेखनीय है कि इसके पहली व दूसरी इकाई का वाणिज्यिक प्रचालन 6 सितम्बर 2019 व 23 जुलाई 2021 को केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह द्वारा बिहार के ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में किया गया था. जिससे बिहार की वर्तमान में तय आवंटन के हिसाब से 1122 मेगावाट से भी अधिक विद्युत की निरंतर आपूर्ति की जा रही है. नबीनगर परियोजना के कंट्रोल रूम में उपस्थित मुख्य कार्यकरी अधिकारी आरके पाण्डेय ने बताया कि इस परियोजना की तीसरी व अंतिम 660 मेगावॉट इकाई के आज से 72 घंटे फुल लोड ट्रायल-रन के साथ ही सफलतापूर्वक इसके कमीशनिंग के साथ ही बिहार को इस यूनिट से अतिरिक्त 559 मेगावॉट की आपूर्ति भी जल्द होने लगेगी.
इस प्रकार नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 1320 से बढ़कर 1980 मेगावॉट हो गयी है तथा इससे बिहार में बिजली की खपत में लगातार बढ़ रही मांग को पूरी करने में मदद मिलेगी. इस यूनिट से जल्द ही वाणिज्यिक विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा. इस दौरान यूनिट कंट्रोल रूम में मौजूद एनटीपीसी और बीएचईएल के तमाम वरीय अधिकारीगण भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साक्षी बने.
इस उपलब्धि को साझा करते हुए एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के कार्यकारी निदेशक व नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी के निदेशक श्री सीतल कुमार के बताया कि टीम एनपीजीसी ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच इस लक्ष्य को जिस टीम भावना और जुझारूपन के साथ हासिल किया है वह यादगार उपलब्धि के रूप में एनटीपीसी में लम्बे समय तक याद रखा जायेगा तथा इसके लिए सभी सम्बंधित अधिकारी-कर्मचारीगण बधाई के पात्र हैं. हम लोग इस यूनिट से जल्द ही वाणिज्यक उत्पादन शुरू करेंगे. एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के कार्यकारी निदेशक ने आगे बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी ने बिहार राज्य में कुल 76,246 करोड़ रुपए के निवेश से कुल 6 संयंत्रों द्वारा 8410 मेगावाट की विद्युत स्थापित उत्पादन क्षमता हासिल किया है, जबकि 1320 मेगावाट की परियोजना निर्माणाधीन हैं.
वर्तमान में एनटीपीसी से बिहार को 5362 मेगावाट का विद्युत आवंटन है जो इस यूनिट से मिलने वाली 559 मेगावाट के बाद बढ़ कर 5921 मेगावाट हो जाएगा. देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी देश की बिजली जरूरतों को पूरा करने में एक अग्रणी व प्रभावी भूमिका निभा रही है और आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. वर्तमान में एनपीजीसी के 660 मेगावाट के इस यूनिट के कमीशन के बाद एनटीपीसी की 76 विद्युत संयंत्रों जिनमें 33 से भी अधिक नवीकरणीय व जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं, की स्थापित क्षमता बढ़कर 68000 मेगावाट से भी अधिक हो जाएगी. देश भर में स्थित कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं में 10,000 क्षमता के अलावा 5000 से भी अधिक मेगावाट की सौर परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं.
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