ओडिशा में बिक रहा यूपी का आलू, पंजाब से खरीदने की तैयारी
Potato Crisis: भारत में पश्चिम बंगाल आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है. देश उत्पादन होने वाले कुल आलू में से करीब 30 फीसदी उत्तर प्रदेश में होता है, जबकि 22.97 फीसदी के साथ पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है.
Potato Crisis: पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति बंद कर दिए जाने के बाद ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में संकट पैदा हो गया है. इसके साथ ही, इसकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई है. आलम यह है कि पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्य ओडिशा में उत्तर प्रदेश से आलू मंगाकर खुदरा बाजारों में बिक्री की जा रही है. अब सरकार योजना बना रही है कि अगर उत्तर प्रदेश से आलू मंगाने के बाद भी घरेलू जरूरत पूरी नहीं हुई, तो पंजाब से आलू मंगाया जाएगा.
ओडिशा में 45 रुपये किलो आलू
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा सरकार आपूर्ति बढ़ाने और आलू की कीमतें कम करने के लिए पंजाब से आलू खरीद सकती है. ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उत्तर प्रदेश से खरीद के बाद भी आलू की कीमत 45 रुपये प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से जरूरत के अनुसार आलू की आपूर्ति नहीं की जा रही है, जिसके चलते ओडिशा में आलू की कीमत बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि हम अभी उत्तर प्रदेश से आलू खरीद रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी, तो हम पंजाब से भी आयात करेंगे.
बंगाल से सस्ता है उत्तर प्रदेश का आलू
कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि यह सच नहीं है कि उत्तर प्रदेश के आलू अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के आलू बंगाल के आलू से काफी बेहतर हैं और परिवहन लागत के कारण कीमत में भी एक रुपये का अंतर है. घरेलू मांग को पूरा करने के लिए ओडिशा पंजाब सहित दूसरे राज्यों से भी आलू खरीद सकता है. सोमवार को कटक के प्रमुख थोक बाजार छत्र बाजार में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल दोनों से आया आलू 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिका.
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पश्चिम बंगाल ने क्यों रोकी आलू की आपूर्ति
बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार का कहना है कि आम तौर मानसून के सीजन में राज्य में आलू की कीमत 20 रुपये किलो के स्तर पर रहती है. लेकिन, इस समय उनके ही राज्य में आलू 50 रुपये किलो बिक रहा है. यह स्थिति तब है, जब पश्चिम बंगाल देश का सबसे बड़ा दूसरा आलू का उत्पादक राज्य है. इसीलिए दूसरे राज्यों में आलू की खेप पर रोक लगा दी गई.
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पश्चिम बंगाल आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य
भारत में पश्चिम बंगाल आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है. देश उत्पादन होने वाले कुल आलू में से करीब 30 फीसदी उत्तर प्रदेश में होता है, जबकि 22.97 फीसदी के साथ पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है. पश्चिम बंगाल के कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में सालाना की 110 लाख टन आलू की पैदावार होती है. इसमें से करीब 5 लाख टन आलू की खपत पश्चिम बंगाल में ही होती है. राज्य के उत्तरी दिनाजपुर, कूचबिहार, हूगली, पूर्वी बर्दवान, बांकुड़ा, बीरभूम और जलपाईगुड़ी जिलों में आलू का सबसे अधिक पैदावार होती है.
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