आपके खजाने को भारी करेगा नया आयकर कानून! इनकम टैक्स का नहीं पड़ेगा रेड, जानें नए-पुराने आयकर बिल का अंतर

Old Income-Tax Act 1961 vs New Income-Tax Bill 2025: नए आयकर कानून से करदाता को राहत मिलेगी या बोझ बढ़ेगा? इनकम टैक्स रेड से बचाव के नए प्रावधान क्या हैं? जानें 1961 के पुराने और 2025 के नए आयकर बिल का अंतर

By Abhishek Pandey | February 15, 2025 11:19 AM

Old Income-Tax Act 1961 vs New Income-Tax Bill 2025: 13 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया. यह नया बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा, बशर्ते इसे संसद की मंजूरी मिले. इस बिल के लागू होने के बाद इसे “इनकम टैक्स एक्ट 2025” के नाम से जाना जाएगा. यह कानून पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा. आइए जानते हैं दोनों कानूनों के बीच प्रमुख अंतर.

नया बिल अधिक सरल और छोटा

नए इनकम टैक्स बिल 2025 में कुल 536 सेक्शन, 23 चैप्टर और 16 शेड्यूल शामिल हैं. इसके विपरीत, पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 में 819 सेक्शन और 11 शेड्यूल थे. नए बिल में प्रोविज़ो और एक्सप्लेनेशन को हटाकर इसे सरल बनाया गया है.

विशेषताएंइनकम टैक्स एक्ट 1961इनकम टैक्स बिल 2025
प्रभावी तिथिवर्तमान में लागू1 अप्रैल 2026 से लागू
सेक्शन की संख्या819536
चैप्टर की संख्या4723
शेड्यूल की संख्या1116
कुल पृष्ठलगभग 823 पेजलगभग 622 पेज

टैक्स ईयर की नई परिभाषा

नए बिल में टैक्स ईयर को सेक्शन 3 में परिभाषित किया गया है. यह एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) होगा. यदि किसी व्यवसाय या आय के नए स्रोत की शुरुआत बीच में होती है, तो टैक्स ईयर उस वित्तीय वर्ष के अंत तक माना जाएगा.

टैक्स दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं

नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स दरों और स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इसका उद्देश्य टैक्स ढांचे को अधिक स्पष्ट और सरल बनाना है.

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रेजिडेंशियल स्टेटस की परिभाषा में कोई बदलाव नहीं

नए बिल में रेजिडेंशियल स्टेटस की परिभाषा सेक्शन 6 में दी गई है. पुराने एक्ट के मुकाबले इसमें कोई मूलभूत परिवर्तन नहीं किया गया है. केवल सेक्शन नंबर बदले गए हैं.

आय के प्रमुख स्रोत जैसे का तैसा

  • वेतन (Salaries)
  • मकान संपत्ति से आय (Income from House Property)
  • व्यापार या पेशे से आय (Profits and Gains of Business or Profession)
  • पूंजीगत लाभ (Capital Gains)
  • अन्य स्रोतों से आय (Income from Other Sources)

डॉ. सुरेश सुराना के अनुसार, नए बिल में नियमों (Rules) के तहत कई विषयों को स्पष्ट किया जाएगा. जैसे:

  • कर-मुक्त आय पर व्यय की गणना (Section 14A के तहत)
  • संपत्तियों का मूल्यांकन (Rule 11UA के तहत)

टैक्स छूट के प्रावधान अलग शेड्यूल में

सेक्शन 10 के तहत दी गई कर छूट जैसे कृषि आय, पारिवारिक पेंशन, छात्रवृत्ति, एनआरई/एफसीएनआर जमा पर ब्याज आदि को नए बिल में शेड्यूल II से शेड्यूल VII में एक टेबल के रूप में दर्शाया गया है.

टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों का सरलीकरण

पुराने एक्ट में विभिन्न सेक्शन में फैले टीडीएस प्रावधानों को नए बिल में सरल और टेबल के रूप में प्रस्तुत किया गया है.

  • TDS on Salary: सेक्शन 392 (आईटीए 1961 में सेक्शन 192)
  • TDS on Other Payments: सेक्शन 393 (आईटीए 1961 के विभिन्न सेक्शन)
  • TCS: सेक्शन 394 (आईटीए 1961 के सेक्शन 206C)

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