old pension scheme news : पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस की खबरें आजकल अमूमन सुनने को मिल जाती है. इसकी गूंज चुनावी राज्यों में भी सुनायी दे रही है. इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा है कि त्रिपुरा में सत्ता में आने पर वाम-कांग्रेस गठबंधन सरकार सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के बारे में फैसला करेगी.
पश्चिम त्रिपुरा जिले के खयेरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए करात ने कहा कि त्रिपुरा में जब तक वाम मोर्चा की सरकार सत्ता में थी, प्रदेश में नयी पेंशन योजना लागू नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि यह भाजपा ही थी, जिसने 2018 में सत्ता में आने पर राज्य में नयी पेंशन योजना को लागू किया. माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के बारे में वाम-कांग्रेस गठबंधन सरकार पहला फैसला लेगी.
वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत हुई और उसने जैसा वादा किया था, राज्य में कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना को दोबारा बहाल कर दिया. त्रिपुरा में अगर वाम-कांग्रेस गठबंधन की अगली सरकार बनती है तो यहां भी ऐसा ही किया जाएगा. यहां चर्चा कर दें कि वाम मोर्चा और कांग्रेस ने त्रिपुरा में राज्य सरकार के 1.88 लाख कर्मचारियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिये पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने का वादा किया है.
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करात ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी पूर्वोत्तर राज्य में विफल रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहद खराब हो गयी है, जनवरी 2020 और दिसंबर 2022 के बीच बलात्कार के 707 मामले सामने आये हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध में राज्य का नाम बेहद खराब है. माकपा नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के लिये भाजपा बड़े पैमाने पर धन खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा जिस तरह से पैसा खर्च कर रही है, उससे लोगों को सतर्क रहना चाहिए. हमें राज्य में लोकतंत्र को धूमिल करने की चाल को नाकाम करना चाहिए.
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