7th Pay Commission: झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) बहाल हो गई है. इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों और दूसरे राज्यों के नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) के सब्सक्राइबर भी पुरानी पेंशन स्कीम की आस लगाने लगे हैं. हाल ही में लोकसभा में भी यह मुद्दा गूंजा. सरकार से पूछा गया था कि क्या वह भी अपने 45 लाख से ज्यादा सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लॉयीज को ओल्ड पेंशन स्कीम का तोहफा दे सकती है.
AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में पुरजोर तरीके से पुरानी पेंशन स्कीम से जुड़े सवाल दागे थे. उन्होंने पूछा- क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि –
(क) क्या कई राज्यों ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस OPS) फिर से शुरू की है और यदि हां, तो तत्सबंधी ब्योरा क्या है
(ख) क्या कई राज्यों ने सरकार से ओपीएस शुरू करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा लौटने की मांग की है
(ग) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है
(घ) जिन राज्यों ने ओपीएस शुरू किया है उन्हें एनपीएस का पैसा लौटने के लिए सरकार द्वारा क्या निर्णय लिया गया या लिया जा रहा है
(ङ) क्या सरकार का निकट भविष्य में ओपीएस वापस शुरू करने का विचार है
(च) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है?
वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड ने इन प्रश्नों (प्रश्न ‘क’ से ‘च’ तक) के जवाब में कहा –
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने अपने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस) पुन: प्रारंभ करने के अपने निर्णय के बारे मे केंद्र सरकार / पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को सूचित किया है.
पंजाब राज्य सरकार ने दिनांक 18.11.2022 को अपने सरकारी कर्मचारियों, जिन्हें वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत कवर किया जा रहा है, के लिए ओपीएस का कार्यान्वयन करने के संबंध में अधिसूचना जारी की है.
झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारों ने संबंधित राज्य सरकारों को एनपीएस के अधीन अभिदाताओं के संचित कॉर्पस को वापस करने के लिए केंद्र सरकार/पीएफआरडीए को प्रस्ताव भेजा है. ऐसा कोई प्रस्ताव पंजाब राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है.
झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारों के प्रस्तावों के प्रति उत्तर में पीएफआरडीए ने संबंधित राज्य सरकारों को यह सूचित किया है कि पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत निकासी और आहरण) विनियम, 2015 के साथ पठित पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 के अंतर्गत और समय-समय पर यथा संशोधित अन्य प्रासंगिक विनियमों, जिसके तहत निधियां जो पहले से ही एनपीएस के पक्ष में सरकारी अंशदान और कर्मचारियों के अंशदान दोनों के रूप में, उपचय ब्याज सहित जमा है उनको राज्य सरकार को लौटाये जाने और उसे वापस जमा कराये जाने का कोई प्रावधान नहीं है.
भारत सरकार के पास पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
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