New Pension Scheme को लेकर बड़ी खबर है. सरकार ने फैसला किया है कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को पुरानी पेंशन योजना की तरह आकर्षक बनाएगी. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि NPS में सुधार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति बनेगी, जो राजकोषीय पहलू को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि एनपीएस को लेकर नयी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें, दोनों अपना सकें.
कर्मचारियों की जरूरत पर ध्यान दिया जाए
उन्होंने कहा-मैं प्रस्ताव करती हूं कि पेंशन के मुद्दे पर विचार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए और एक ऐसी तरीका निकाला जाए जिससे आम नागरिकों के संरक्षण के लिए राजकोषीय बुद्धिमत्ता बनाये रखते हुए कर्मचारियों की जरूरत पर ध्यान दिया जाए. सीतारमण ने कहा कि इस पद्धति को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों, दोनों के अपनाने के लिए तैयार किया जाएगा. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बदलने का फैसला किया है और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठन इसकी मांग कर रहे हैं.
कहां-कहां पुरानी पेंशन योजना
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने केंद्र को पुरानी पेंशन योजना बदलने के अपने फैसले के बारे में सूचित किया है और एनपीएस के तहत जमा निधि में से धन लौटाने का अनुरोध किया है. केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले संसद को सूचित किया था कि वह एक जनवरी, 2004 के बाद भर्ती केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संदर्भ में ओपीएस बहाल करने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही. ओपीएस के तहत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को उनके आखिरी मिले वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता है. महंगाई भत्ते की दर बढ़ने के साथ यह राशि बढ़ती रहती है. ओपीएस को राजकोषीय रूप से टिकाऊ नहीं माना जाता क्योंकि इससे राजकोष पर भार बढ़ता रहता है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना के प्रबंधन के तहत 4 मार्च, 2023 तक कुल परिसंपत्तियां 8.81 लाख करोड़ रुपये की थीं.
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