एक देश एक लोकपाल : ग्राहकों की शिकायतों का जल्द होगा निवारण, जून तक लागू होगी ई-इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस कदम का लक्ष्य एक केंद्रीयकृत संदर्भ प्रदान कर एकीकृत योजना के तहत बैंकों, एनबीएफसी तथा प्रीपेड भुगतान समाधान मुहैया कराने वाली गैर-बैंकिंग कंपनियों के ग्राहकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एकल मंच प्रदान करना है.
मुंबई : देश की बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सिंगल सिस्टम लाने की तैयारी में जुट गया है. आरबीआई ने बैंकिंग प्रणाली में ‘एक देश, एक बैंक लोकपाल’ की संकल्पना लागू करने की शुक्रवार को घोषणा की. उसने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों की शिकायत निवारण प्रणाली का एकीकरण किये जाने की जरूरत है. अभी देश की बैंकिंग प्रणाली में तीन अलग-अलग बैंक-लोकपाल (ओम्बड्समैन) होते हैं. ये बैंक-लोकपाल बैंकिंग, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और डिजिटल लेन-देन के लिए होते हैं.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए कहा कि विवादों को सुलटाने की वैकल्पिक व्यवस्था को सरल बनाने तथा विनियमित निकायों के ग्राहकों के प्रति इसे अधिक जवाबदेह बनाने के लिए तीनों बैंक-लोकपाल व्यवस्थाओं का विलय कर ‘एक देश, एक बैंक-लोकपाल’ की अवधारणा को अमल में लाने का निर्णय किया गया है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस कदम का लक्ष्य एक केंद्रीयकृत संदर्भ प्रदान कर एकीकृत योजना के तहत बैंकों, एनबीएफसी तथा प्रीपेड भुगतान समाधान मुहैया कराने वाली गैर-बैंकिंग कंपनियों के ग्राहकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एकल मंच प्रदान करना है. दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ई-इंटीग्रेटेड बैंक-लोकपाल योजना को जून 2021 से शुरू करना चाह रहा है.
दास ने कहा कि वित्तीय उपभोक्ता संरक्षण का महत्व नीतिगत क्षेत्र में बढ़ा है. रिजर्व बैंक इसी पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण पर वैश्विक पहलों के अनुरूप आरबीआई ने विनियमित संस्थाओं की शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई पहलें की हैं. बता दें कि आरबीआई ने विनियमित निकायों के द्वारा संतोषजनक समाधान नहीं निकाले जाने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने के लिए शिकायत प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) पोर्टल की शुरुआत की थी.
Posted By : Vishwat Sen
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