One Year of Lockdown: देश में कोरोना संकट से निबटने के लिए पिछले साल लगाये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास 283 कंपनियों ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन दिया. लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 76 मामलों का निबटारा किया, 128 मामले आपसी विवाद दूर होने और आवेदन वापस लेने के बाद बंद किये गये और 189 मामलों पर सुनवाई चल रही है.
इसके अलावा सरकार ने कॉरपोरेट इन्सोलवेन्सी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआइआरपी) की धारा 7, 9 और 10 के तहत इन्सोलवेन्सी की प्रक्रिया को 25 मार्च 2020 के बाद छह महीने तक रोक लगा दी थी. इस रोक का लाभ 25 मार्च के बाद दिवालिया हुई सभी कंपनी उठा सकती है. कंपनी एक्ट 2013 की धारा 230 के तहत दिवालिया प्रक्रिया से 30 कॉरपोरेट लोगों को मुक्त किया गया, जबकि स्वैच्छिक दिवालिया प्रक्रिया अपनाने के कारण 59 लोगों को राहत मिली.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण कंपनियों को दिवालिया होने से बचाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये और राहत देने का काम किया गया. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सरकार ने सदन में बताया था कि आइबीसी के तहत एनसीएलटी को वर्ष 2018 में दिवालिया प्रक्रिया के लिए 8330 आवेदन, वर्ष 2019 में 12091 और 2020 में 5282 आवेदन मिले.
तीन वर्षों में दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन
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वर्ष आवेदन की संख्या
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2018 8330
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2019 12091
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2020 5282
बता दें कि 24 मार्च, 2020 की रात आठ बजे जब पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन का एलान किया था, तब हमने अद्भुत एकजुटता का परिचय दिया. तब से एक साल में हमने न केवल काेरोना को नियंत्रित किया, बल्कि हमारी जीवन शैली में नये आयाम भी जुड़े.
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