ONGC: गैस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत! ओएनजीसी ने महानदी बेसिन खोजा दो गैस ब्लॉक, स्टॉक में दिखेगा असर

ONGC: शुरुआती परीक्षण के दौरान इससे प्रतिदिन तीन लाख घनमीटर से अधिक गैस निकली. दूसरी खोज 1,110 मीटर गहरे पानी में की गई है. उन्होंने बताया कि ओएनजीसी ने इनकी जानकारी अपस्ट्रीम नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) को दे दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2024 8:07 AM

ONGC: सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने बंगाल की खाड़ी में महानदी बेसिन के गहरे पानी वाले ब्लॉक में लगातार दो महत्वपूर्ण प्राकृतिक गैस खोज की हैं. मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने ब्लॉक एमएन-डीडब्ल्यूएचपी-2018/1 में खोज की, जिसे उसने 2019 में मुक्त क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति के तहत नीलामी के तीसरे दौर में हासिल किया था. ये खोजें उस क्षेत्र में की गई हैं, जिसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के कारण ‘नो-गो’ क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया था. कंपनी के इस खोज का असर, आज शेयर मार्केट में दिखने की उम्मीद की जा रही है. पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन ओएनजीसी के शेयर में तेजी देखने को मिली थी. कंपनी के शेयर, 5.74 प्रतिशत यानी 12.15 रुपये की तेजी के साथ 224 रुपये पर बंद हुआ था. पिछले छह महीने में कंपनी के शेयर से निवेशकों को 34.62 प्रतिशत यानी 57.60 रुपये का मुनाफा हुआ है. वहीं, एक साल में निवेशकों को 51.76 प्रतिशत यानी 76.40 रुपये का मुनाफा हुआ है.

Also Read: ONGC ने केजी बेसिन में गहरे समुद्र से तेल उत्पादन किया शुरू, पीएम मोदी ने दी बधाई, शेयर में दिखा एक्शन

ओएनजीसी ने बताया कि पहली खोज जिसका नाम उक्तल है, 714 मीटर पानी की गहराई में की गई. शुरुआती परीक्षण के दौरान इससे प्रतिदिन तीन लाख घनमीटर से अधिक गैस निकली. दूसरी खोज 1,110 मीटर गहरे पानी में की गई है. उन्होंने बताया कि ओएनजीसी ने इनकी जानकारी अपस्ट्रीम नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) को दे दी है. अब वह पूल आकार और वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर रही है.

सूत्रों ने बताया कि सरकार द्वारा तेल एवं गैस की खोज और उत्पादन के लिए करीब एक लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को प्रतिबंध से मुक्त करने के बाद ओएनजीसी तेजी से खोज करने में सक्षम हुई. ‘नो-गो’ क्षेत्र से तात्पर्य वह स्थान हैं जो या तो मिसाइल परीक्षण के रास्ते में या उपग्रह प्रक्षेपण मार्ग पर आते हैं. 2022 में 98 प्रतिशत से अधिक ऐसे क्षेत्रों पर प्रतिबंध हटा दिए गए थे. इससे ऊर्जा कंपनियों को तेल तथा गैस खोजने के लिए जहाज और ‘ड्रिलिंग करने वाले जहाज’ भेजने की अनुमति मिल गई. भारत अपनी करीब आधी गैस जरूरत को आयात से पूरा करता है. ऐसे में नई खोज देश की ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं. भारत ने 2030 तक अपने ऊर्जा इस्तेमाल में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. यह अभी 6.3 प्रतिशत है. घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी से भारत इस लक्ष्य को पा सकता है.

कंपनी के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गयी जानकारी के अनुसार, ओएनजीसी ने केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में क्लस्टर-2 परियोजना से उत्पादन शुरू कर दिया है. कंपनी धीरे-धीरे यहां से उत्पादन बढ़ाएगी. समझा जा रहा है कि इससे उसे बरसों के उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटने में मदद मिलेगी. तेल कंपनी की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि यह भारत की ऊर्जा यात्रा में एक उल्लेखनीय कदम है और आत्मनिर्भर भारत के हमारे मिशन को बढ़ावा देता है. इससे हमारी अर्थव्यवस्था को भी कई फायदे होंगे. वहीं, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जटिल और कठिन ब्लॉक से पहला तेल उत्पादन शुरू हो गया है. उन्होंने मौजूदा उत्पादन के बारे में कोई संकेत न देते हुए कहा कि कच्चा तेल उत्पादन प्रतिदिन 45,000 बैरल और गैस उत्पादन एक करोड़ घनमीटर प्रतिदिन रहने की उम्मीद है.

(भाषा इनपुट)

Next Article

Exit mobile version