गैस की कीमत घटाने से ONGC को 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका

सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान है.

By KumarVishwat Sen | April 2, 2020 6:52 PM

नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान है. सरकार ने गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले के आधार पर गैस के दाम में 26 फीसदी की बड़ी कटौती की है. उर्वरक, बिजली उत्पादन और वाहनों में उपयोग के लिए सीएनजी तथा घरों में पाइप के जरिये पहुंचने वाली रसोई गैस के रूप में उपयोग होने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से घटकर 2.39 डॉलर प्रति यूनिट (10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) कर दी गयी है. हालांकि, गैस का यह दाम उसकी उत्पादन लागत से करीब 37 फीसदी कम है.

ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने कहा कि हमारे लिए यह कीमत वहनीय नहीं है. हमने पहले ही सरकार से कह दिया है कि गैस मूल्य को नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए. प्राकृतिक गैस के मामले में उसके विपणन और मूल्य निर्धारण की पूरी आजादी होनी चाहिए.

भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अक्ट्रबर, 2014 में गैस कीमत निर्धारित करने के लिए नया फार्मूला बनाया था. इसमें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष गैस वाले देशों में दरों को आधार बनाकर शुद्ध आयातक देश में कीमत निर्धारित की जाती है. इस फॉर्मूले पर हर छह महीने में दाम तय किये जाते हैं, जो अगले छह महीने तक लागू रहते हैं.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 मार्च, 2017 को लोकसभा में कहा था कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस की उत्पादन लागत 4.99 डॉलर से 7.30 डॉलर प्रति यूनिट जबकि अन्य बेसिन में यह 3.80 डॉलर से 6.59 डॉलर प्रति यूनिट बैठती है. ओएनजीसी के लिए पश्चिम अपटतीय क्षेत्र से उत्पादित गैस की लागत 3.8 डॉलर है. यानी इस मूल्य पर कंपनी को न लाभ होगा और न ही हानि. कंपनी 6.4 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन गैस उतपादन में से ज्यादातर पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र से ही करती है.

शंकर ने कहा कि नयी दरें अब उसकी लागत से नीचे आ गयी हैं. प्रत्येक एक डॉलर के बदलाव से कंपनी की आय पर 4,400 से 4,500 करोड़ रुपये सालाना का असर पड़ता है. फॉर्मूले के मुताबिक, एक अपैल से प्राकृतिक गैस का दाम 3.23 डॉलर प्रति यूनिट से घटाकर 2.39 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया गया है. इस कटौटती से कंपनी को सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये की आय का नुकसान होगा.

कंपनी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ओएनजीसी के कुल लाभ में गैस की हिस्ससेदारी करीब आधी है. ऐसे में कीमत कम होने से कंपनी को नकदी नुकसान हो सकता है. एक अप्रैल को की गयी यह कटौती छह महीने में दूसरी बार है और इस कटौती के बाद प्राकृतिक गैस का दाम 2014 में नया मूल्य फॉर्मूला अपनाये जाने के बाद से सबसे नीचे आ गयी है.

गहरे सागर जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत भी 8.43 डॉलर प्रति यूनिट से कम होकर 5.61 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गयी है. यह ओएनजीसी के केजी बेसिन से नये उत्पादन की स्थति में केवल लागत निकालने के बराबर है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version