फिरंगियों की कड़ाही से छटक गया ‘प्याज’, पहले भारतीयों की ‘रसोई’ में बढ़ाएगा स्वाद

Onion Diplomacy: सरकार ने घरेलू बाजार की जरूरत को देखते हुए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य पहले घरेलू बाजार में प्याज की कीमत पर काबू रखना है.

By KumarVishwat Sen | May 4, 2024 11:28 AM

Onion Diplomacy: प्याज अब महज सब्जी के जायके को बढ़ाने वाला पदार्थ नहीं रह गया है, बल्कि फिलहाल यह ‘भारतीय कूटनीति’ का अहम हिस्सा भी बन गया है. हालांकि, आज से करीब 26 साल पहले भी साल 1998 में यह ‘भारतीय राजनीति’ का हिस्सा बना था और देश के किसी प्रदेश में सरकार बदल गई थी. अब सरकार ने घरेलू बाजार के तेजड़ियों और मुनाफाखोरों की करतूत से सबक लेते हुए फिलहाल इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य पहले घरेलू बाजार में प्याज की कीमत पर काबू रखना है और दूसरा मित्र राष्ट्रों की जरूरतों को पूरा करना है. फिलहाल, ताजा खबर यह है कि सरकार ने शुक्रवार को प्याज पर निर्यात शुल्क में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी की है. निर्यात शुल्क में की गई यह बढ़ोतरी शनिवार 4 मई 2024 से लागू होगी.

प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया है. इससे पहले सरकार ने अगस्त 2023 में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था. इसके साथ ही, उसने देसी चने के आयात पर शुल्क से 31 मार्च, 2025 तक छूट देने का फैसला किया. इतना ही नहीं, 31 अक्टूबर 2024 या उससे पहले जारी किए गए ‘बिल ऑफ एंट्री’ के जरिये पीले मटर के आयात पर शुल्क छूट भी बढ़ा दी गई है. ‘बिल ऑफ एंट्री’ एक कानूनी दस्तावेज है, जो आयातकों या सीमा शुल्क निकासी एजेंटों के आयातित वस्तुओं के आगमन पर या उससे पहले दाखिल किया जाता है.

4 मई से प्रभावी हो जाएगा नया आदेश

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क के अलावा अन्य सभी बदलाव 4 मई 2024 से प्रभावी हो जाएंगे. फिलहाल, प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि, सरकार ने भारत के मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है. इसने संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को एक निश्चित मात्रा में प्याज निर्यात की अनुमति दी है.

केवल मित्र राष्ट्रों को मिलेगा भारतीय प्याज का स्वाद

प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंधों के बीच भारत अपने मित्र राष्ट्रों को प्याज का निर्यात करता रहेगा. जिन मित्र राष्ट्रों को भारत से प्याज भेजा जाएगा, उनमें संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, भूटान, बहरीन और मॉरीशस शामिल हैं. सरकार ने अभी हाल ही में इन मित्र राष्ट्रों को एक निश्चित मात्रा में प्याज की आपूर्ति करने की अनुमति दी है.

किन मित्र राष्ट्रों को कितना मिलेगा प्याज

द हिंदू अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने पिछले 1 मार्च 2024 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 14,400 मीट्रिक टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी. इसके साथ ही, सरकार ने यह शर्त भी रखी थी कि तीन महीने में यह निर्यात 3600 मीट्रिक टन से अधिक नहीं हो सकता है. वहीं, पिछले महीने 3000 टन से अधिक प्याज के निर्यात को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह यूएई को अलग से 10 हजार मीट्रिक टन प्याज की अनुमति दी है. वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बांग्लादेश को 50,000 टन, भूटान को 550 टन, बहरीन को 3,000 और मॉरिशस को 1,200 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है.

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कौन करेगा प्याज का निर्यात

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से मित्र राष्ट्रों को प्याज का निर्यात कोई प्राइवेट एजेंसी नहीं करेगी, बल्कि सहकारिता मंत्रालय के तहत आने वाली एक सरकारी स्वामित्व वाली संस्था करेगी. प्याज का यह निर्यात विशेष रूप से नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से किया जा रहा है. वहीं, निर्यात के लिए प्याज की खरीद एग्री बाजार पोर्टल पर ई-टेंडरिंग के जरिए की जा रही है. हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने सरकार से प्याज निर्यात करने की प्रक्रिया और उसकी कीमतों को तय करने के नियमों को स्पष्ट करने की मांग की है.

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