14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Onion Price: प्याज के निर्यात पर रोक का किसानों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव, सरकार ने बताया कब कम होंगे दाम

Onion Price: उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि जनवरी तक प्याज की कीमतें मौजूदा औसत कीमत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएंगी.

Onion Price: घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी गयी है. इसके साथ ही, कुछ सेंटरों पर लोगों को सस्ता प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है. हालांकि, बाजार में कीमतों में फिर भी राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है. इस बीच, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि जनवरी तक प्याज की कीमतें मौजूदा औसत कीमत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएंगी. सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा बिक्री कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम को पार करने और मंडियों में कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास रहने के बाद पिछले हफ्ते अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह पूछे जाने पर कि प्याज की कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे कब तक आने की उम्मीद है. इसके जवाब में कहा कि बहुत जल्द… जनवरी में. उन्होंने ‘डेलॉयट ग्रोथ विद इम्पैक्ट गवर्नमेंट समिट’ के मौके पर कहा कि किसी ने कहा है कि कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम को छू जाएगी. हमने कहा कि यह कभी भी 60 रुपये प्रति किलोग्राम को पार नहीं करेगी. आज सुबह अखिल भारतीय औसत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम रहा और यह 60 रुपये प्रति किलोग्राम को पार नहीं करेगा.

Also Read: Onion Export: सरकार ने मार्च तक प्याज के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, चीनी के दाम में भी आम आदमी को मिलेगी राहत

कुछ व्यापारी कीमत में अंतर उठा रहे थे फायदा

रोहित कुमार सिंह ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध से किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यह व्यापारियों का एक छोटा समूह है जो भारतीय तथा बांग्लादेश के बाजारों में कीमतों के बीच अंतर का फायदा उठा रहा है. जो व्यापारी अलग-अलग कीमतों का फायदा उठा रहे थे, उन्हें नुकसान होगा. लेकिन इससे फायदा भारतीय उपभोक्ताओं को होगा. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में प्याज की मुद्रास्फीति जुलाई से दोहरे अंक में रही है, जो अक्टूबर में चार साल के उच्चतम स्तर 42.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया. मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं. सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया है. साथ ही अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. अक्टूबर में सब्जियों की थोक मूल्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 21.04 प्रतिशत तक कम हो गई. हालांकि प्याज की वार्षिक मूल्य वृद्धि दर इस महीने 62.60 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही.

चीनी का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश में सरकार

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस साल चीनी के कुल अनुमानित उत्पादन में कमी को देखते हुए तत्काल प्रभाव से इथेनॉल के लिए गन्ने के रस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए आगे बढ़ी है. इससे इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का विचलन भी सीमित हो जाएगा. उद्योग सूत्रों ने बताया कि इस कदम से घरेलू बाजार में लगभग 18-20 लाख टन अतिरिक्त चीनी की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे कीमतों में वृद्धि पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. पहले की योजना के अनुसार, इथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 35 लाख टन चीनी डायवर्जन का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब प्रतिबंधों के साथ, केवल 15-18 लाख टन चीनी इस उद्देश्य के लिए डायवर्ट की जाएगी. हालांकि, इससे सरकार के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम पर असर पड़ने की संभावना है, जो वर्तमान में लगभग 11.8% है.

मक्के की खरीद पर सरकार का ध्यान

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों का कहना है कि मांग को पूरा करने के लिए मक्के की खरीद पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, लेकिन यह आर्थिक रूप से अव्यवहार्य है. इससे पहले, सरकार ने एफसीआई स्टॉक से अनाज आधारित डिस्टिलरीज को टूटा हुआ चावल बेचना बंद कर दिया था. एग्रीमंडी.लाइव रिसर्च के सह-संस्थापक और सीईओ उप्पल शाह ने कहा कि सरकार का निर्देश यह सुनिश्चित करेगा कि देश में कम चीनी उत्पादन के मद्देनजर घरेलू खपत मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त चीनी हो. उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चालू सीजन में इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य कैसे पूरा किया जाता है, इथेनॉल की आपूर्ति मुख्य रूप से बी-हैवी गुड़, टूटे चावल और मक्का से की जाती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें