Onion Price: दिल्ली में 27 साल पहले प्याज बना था बीजेपी की हार की वजह, जानिए आज के दाम
Onion Price: 27 साल पहले दिल्ली में प्याज की बढ़ती कीमतों ने बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया था, जानिए आज के प्याज के दाम और इसका मौजूदा राजनीति पर असर.
Onion Price: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 वर्षों के बाद दिल्ली की सत्ता में शानदार वापसी की है. पार्टी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) 22 सीटों पर सिमट गई. 1998 में प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण भाजपा को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था, लेकिन इस बार यह मुद्दा चुनावी चर्चा से बाहर रहा.आइए जानते हैं उस समय की प्याज की कीमत और आज की कीमत.
1998: प्याज की कीमतें और भाजपा की हार
1998 में दिल्ली में प्याज की कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा. विपक्षी दलों ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया, जिससे भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ी. कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में 70 में से 52 सीटें जीतकर सरकार बनाई.
1998 विधानसभा चुनाव परिणाम
वर्ष | भाजपा सीटें | कांग्रेस सीटें | अन्य | प्याज कीमत (रिटेल) |
1998 | 15 | 52 | 3 | ₹60/kg |
2025: भाजपा की सत्ता में वापसी
2025 के चुनावों में, भाजपा ने 27 वर्षों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है. इस बार प्याज की कीमतें चुनावी मुद्दा नहीं बनीं. दिल्ली में वर्तमान में प्याज का थोक मूल्य अधिकतम 27 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि खुदरा मूल्य 35 रुपये प्रति किलोग्राम तक है.
2025 विधानसभा चुनाव परिणाम
वर्ष | भाजपा सीटें | कांग्रेस सीटें | आप सीटें | अन्य | प्याज कीमत (रिटेल) |
2025 | 48 | 0 | 22 | 0 | ₹35/kg |
प्याज की कीमतों की तुलना: 1998 बनाम 2025
1998 में प्याज की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि ने भाजपा की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वर्तमान में, प्याज की कीमतें नियंत्रित हैं, जिससे यह मुद्दा चुनावी चर्चा से बाहर रहा.
वर्ष | प्याज कीमत (थोक) | प्याज कीमत (रिटेल) | भाजपा की स्थिति |
1998 | ₹50/kg | ₹60/kg | सत्ता से बाहर |
2025 | ₹27/kg | ₹35/kg | सत्ता में वापसी |
1998 में प्याज की बढ़ती कीमतों ने दिल्ली की राजनीति को प्रभावित किया था, जबकि 2025 में स्थिर कीमतों के कारण यह मुद्दा चुनावी चर्चा से गायब रहा. भाजपा की सत्ता में वापसी में कई कारकों ने भूमिका निभाई, लेकिन प्याज की कीमतें इस बार निर्णायक नहीं रहीं.
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