नई दिल्ली : देश में नवरात्र और दशहरा जैसे पावन पर्व के खत्म होते ही बाजार में प्याज की कीमतें एक बार फिर आसमान पर पहुंच गई हैं. आलम यह कि खुदरा बाजार में इसकी कीमतों में करीब 57 फीसदी तक बढ़ गई हैं. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 57 फीसदी बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. हालांकि, झारखंड-बिहार में इसकी कीमतें 60 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. प्याज की कीमतों में अचानक इजाफा होने के बाद केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर ‘बफर स्टॉक’ से प्याज की बिक्री बढ़ाने का शुक्रवार को फैसला किया.
कितनी बढ़ी प्याज की खुदरा कीमत
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी. आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
बफर स्टॉक से प्याज बेच रही है सरकार
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि हम अगस्त के मध्य से बफर स्टॉक से प्याज दे रहे हैं और कीमतों में और वृद्धि को रोकने तथा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए हम खुदरा बिक्री बढ़ा रहे हैं. मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है, वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक से प्याज दिया जा रहा है. अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर ‘बफर स्टॉक’ से करीब 1.7 लाख टन प्याज दिया गया.
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सरकारी एजेंसियां खुदरा बाजार में उतरीं
खुदरा बाजारों में ‘बफर स्टॉक’ के प्याज को दो सहकारी निकायों भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) की दुकानों तथा वाहनों के जरिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है. दिल्ली में भी बफर स्टॉक का प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है.
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मौसम की बेरुखी से बढ़ी परेशानी
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी के कारण कम फसल हुई और फसल की आवक में देरी हुई. अधिकारी ने बताया कि ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भंडारित रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आगमन में देरी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब है, जिसके परिणामस्वरूप थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष 2023-24 में प्याज के लिए ‘बफर स्टॉक’ को दोगुना किया है. इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी के जरिए पांच लाख टन का ‘बफर स्टॉक’ बनाए रखा है और आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है.
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