Onion Price: प्याज की कीमतों पर गरमाई महाराष्ट्र की राजनीति, नासिक मंडी आज भी बंद,जानें बाजार पर क्या होगा असर
Onion Price: लासालगांव सहित महाराष्ट्र के नासिक जिले में ज्यादातर कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) में तीसरे दिन भी प्याज की नीलामी बंद रही. व्यापारी प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं.
Onion Price: टमाटर के साथ अब प्याज के भाव ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार ने लोक बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इस पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले का व्यापारी विरोध कर रहे हैं. लासालगांव सहित महाराष्ट्र के नासिक जिले में ज्यादातर कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) में तीसरे दिन भी प्याज की नीलामी बंद रही. व्यापारी प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं. नासिक शहर में जिला कलेक्टर जलज शर्मा की अध्यक्षता में व्यापारियों-निर्यातकों और किसानों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई, लेकिन व्यापारी नीलामी में हिस्सा नहीं लेने के अपने फैसले पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि जब तक मुंबई और अन्य बंदरगाहों और बांग्लादेश सीमा पर फंसे हजारों टन प्याज निर्यात शुल्क के भुगतान के बिना आगे नहीं बढ़ जाते, तब तक नीलामी बंद रहेगी. हालांकि, नीलामी लासालगांव एपीएमसी की विंचुर उप-समिति में आयोजित की गई थी, जहां कीमतें 800 रुपये (न्यूनतम) से 2,360 रुपये (अधिकतम) के बीच रहीं. प्याज की औसत कीमत 2,150 रुपये प्रति क्विंटल औसत थीं.
प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने की शिवसेना उद्धव गुट ने की आलोचना
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के फैसले को लेकर मंगलवार को केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की नीति न तो किसानों और न ही उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का आश्वासन देती है, लेकिन इस तरह से काम करती है कि उन्हें अपेक्षित आय भी नहीं मिलती है. केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को खरीफ उत्पादन घटने की आशंका और खुदरा कीमतों में मजबूती के संकेतों के बीच स्थानीय उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इस फैसले के कारण महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर नासिक जिले में किसानों और व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. नासिक प्याज उत्पादन के लिए देश भर में मशहूर है.
केंद्र सरकार पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने किया हमला
सामना के संपादकीय में कहा गया कि सरकार की नीति न तो किसानों के लिए फायदेमंद है और न ही उपभोक्ताओं के लिए. जब भी किसानों के लिए थोड़ा अधिक पैसा कमाने का मौका आता है, सरकार या तो निर्यात शुल्क का सहारा लेती है या निर्यात पर प्रतिबंध लगा देती है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने कहा कि प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का यह फैसला अचानक घोषित किया गया और देश के बंदरगाहों पर हजारों टन प्याज फंसा हुआ है. यदि यह प्याज सड़ जाता है, तो इसे न तो निर्यात किया जा सकता है और न ही देश के भीतर बेचा जा सकता है. इसके जवाब में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कुछ ‘‘राजनीतिक विरोधी’’ प्याज पर लगाए गए निर्यात शुल्क के बारे में ‘‘गलत तस्वीर’’ पेश कर रहे हैं. उन्होंने किसानों से चिंता न करने का आग्रह किया क्योंकि केंद्र ने अपने बफर स्टॉक के लिए 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद फिर से शुरू कर दी है.
महाराष्ट्र, मप्र में 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद रही है प्याज: गोयल
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 अगस्त को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था. यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर जारी रहेगा. इसके साथ ही केंद्र ने किसानों से दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ‘बफर स्टॉक’ का आकार बढ़ाएगी और जरूरत पड़ने पर किसानों से अधिक खरीद करेगी. वाणिज्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से कहा कि प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने के साथ ही सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ के लिए किसानों से अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दर है और किसानों को आम तौर पर निर्यात से मिलने वाले औसत 1,800-1,900 रुपये प्रति क्विंटल से काफी अधिक है.
एनसीसीएफ और एनएएफईडी करेगी प्याज की खरीदारी
पीयूष गोयल ने कहा कि कुछ राजनीतिक विरोधी (निर्यात पर अंकुश के बारे में) गलत तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं प्याज का उत्पादन करने वाले राज्यों के सभी किसानों से आग्रह करूंगा कि वे चिंता न करें और घबराहट में बिक्री न करें. एनसीसीएफ और एनएएफईडी को किसानों से प्याज खरीदने का निर्देश दिया गया है. सहकारी समितियां नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश में प्याज खरीद कर रही हैं. मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता और किसान दोनों हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. सरकार किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में फैसले कर रही है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.