Onion Price: केंद्र सरकार के द्वारा प्याज की लोकल बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसके निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया गया है. इसके विरोध में प्याज कारोबारियों ने मंडी में नीलामी बंद कर दी थी. हालांकि, अब व्यापारी मान गए हैं. प्याज उत्पादन के लिए देश भर में मशहूर महाराष्ट्र के नासिक जिले में सभी कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) में तीन दिन के बाद बृहस्पतिवार से एक बार फिर प्याज की नीलामी शुरू होगी. प्याज कारोबारियों ने अब अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने का फैसला किया है.
केंद्रीय मंत्री डॉ भारती पवार ने की किसानों के साथ बैठक
कारोबारी प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का विरोध कर रहे थे. इसी वजह से प्याज उत्पादक जिले की मंडियों में थोक बिक्री के लिए नीलामी नहीं हो पा रही थी. केंद्रीय मंत्री डॉ भारती पवार के साथ हुई किसानों और कारोबारियों एवं निर्यातकों के प्रतिनिधियों की बैठक में प्याज की नीलामी दोबारा शुरू करने का फैसला किया गया. बैठक के बाद पवार ने कहा कि प्याज कारोबारियों के एक प्रतिनिधि ने नीलामी रोकने का फैसला वापस लिए जाने की जानकारी दी. इसके बाद बृहस्पतिवार से नासिक की कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) में प्याज की नीलामी फिर से शुरू हो जाएगी.
लासालगांव में है एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ पवार ने आश्वस्त किया कि वह प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का सरकार से अनुरोध करेंगी. वह नासिक के डिंडोरी लोकसभा क्षेत्र से ही सांसद हैं. नासिक में सक्रिय अधिकांश एपीएमसी में प्याज की नीलामी कारोबारियों के विरोध की वजह से बंद पड़ी हुई है. इनमें लासालगांव स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी भी शामिल है. सरकार ने घरेलू स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला कुछ दिन पहले ही किया है.
प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के भारत के निर्णय से नेपाल में संकट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के बाद नेपाल प्याज की भारी कमी का सामना कर रहा है. समाचर पत्र ‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के अनुसार, भारत ने पिछले सप्ताह विदेशी बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. यह कदम आगामी त्योहारों के मद्देजनर कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच उठाया गया. भारत के 40 प्रतिशत निर्यात कर लगाने का असर सबसे अधिक नेपाल पर पड़ा. नेपाल के सबसे बड़े थोक बाजार ‘कालीमाटी फल व सब्जी बाजार’ में कई व्यापारियों ने प्याज की अचानक कमी की सूचना दी है. खबर में देश के सबसे बड़े थोक बाजार के सूचना अधिकारी बिनय श्रेष्ठ ने कहा कि नेपाल के बाजारों में प्याज की भारी कमी हो गई है. रविवार के बाद से प्याज की कोई खेप वितरित नहीं की गई और बचा हुआ भंडार सोमवार तक खाली हो जाएगा.
100 रुपये पहुंची प्याज की कीमत
दो हफ्ते पहले प्याज की कीमत 54 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन अब काठमांडू घाटी में प्याज की खुदरा कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई है. नेपाल करीब-करीब पूरी तरह प्याज की अपनी आवश्यकताओं के लिए भारत पर निर्भर है. निर्यात कर से घरेलू बाजार में इसकी भारी कमी हो गई है. कीमतें और बढ़ सकती हैं। हालांकि हम यह नहीं बता सकते कि कितनी. आलू-प्याज आयात-निर्यात एवं थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मोहन बनिया ने कहा कि नया भारतीय कर लागू होने के बाद सोमवार को कालीमाटी बाजार में प्याज की थोक कीमत बढ़कर 78 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई.
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