Onion Price: टमाटर के बाद अचानक प्याज में आयी तेजी से जहां आमलोगों की परेशानी बढ़ा दी थी. वहीं, सरकार की कोशिशों का असर बाजार पर जल्द दिखने की संभावना है. बताया जा रहा है कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) ने कहा है कि उसने पिछले चार दिनों में किसानों से सीधे 2,826 टन प्याज खरीदा है. यह खरीद 2,410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुई. सरकार ने इस साल प्याज के बफर स्टॉक का लक्ष्य तीन लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया है. घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर अंकुश लगाने के बीच सरकार यह भी चाहती है कि किसान घबराहट में बिक्री न करें. इसलिए दो सहकारी समितियों- एनसीसीएफ और एनएएफईडी को किसानों से सीधे एक लाख टन प्याज खरीदने का आदेश दिया गया है. दोनों सहकारी समितियां सरकार के बफर स्टॉक को थोक और खुदरा बाजार में बेच रही हैं. प्याज के दाम इस समय दिल्ली और अन्य शहरों में गुणवत्ता के आधार पर 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक हैं.
महाराष्ट्र में लगभग 12-13 खरीद केंद्र खोले गए
एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा ने बताया कि सहकारी समिति ने 22 अगस्त को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों से सीधे खरीद शुरू की. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में लगभग 12-13 खरीद केंद्र खोले गए हैं और मांग के आधार पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी. चंद्रा ने कहा कि पिछले चार दिनों में हमने लगभग 2,826 टन प्याज खरीदा। ज्यादातर खरीद महाराष्ट्र से हुई है. कुल एक लाख टन खरीदने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि एनसीसीएफ किसानों से सीधे 2410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीद रहा है, जो मौजूदा थोक दर 1900-2000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है.
महाराष्ट्र, मप्र में 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद रही है प्याज: गोयल
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 अगस्त को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था. यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर जारी रहेगा. इसके साथ ही केंद्र ने किसानों से दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ‘बफर स्टॉक’ का आकार बढ़ाएगी और जरूरत पड़ने पर किसानों से अधिक खरीद करेगी. वाणिज्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से कहा कि प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने के साथ ही सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ के लिए किसानों से अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दर है और किसानों को आम तौर पर निर्यात से मिलने वाले औसत 1,800-1,900 रुपये प्रति क्विंटल से काफी अधिक है.
केंद्र सरकार पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने किया हमला
सामना के संपादकीय में कहा गया कि सरकार की नीति न तो किसानों के लिए फायदेमंद है और न ही उपभोक्ताओं के लिए. जब भी किसानों के लिए थोड़ा अधिक पैसा कमाने का मौका आता है, सरकार या तो निर्यात शुल्क का सहारा लेती है या निर्यात पर प्रतिबंध लगा देती है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने कहा कि प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का यह फैसला अचानक घोषित किया गया और देश के बंदरगाहों पर हजारों टन प्याज फंसा हुआ है. यदि यह प्याज सड़ जाता है, तो इसे न तो निर्यात किया जा सकता है और न ही देश के भीतर बेचा जा सकता है. इसके जवाब में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कुछ ‘‘राजनीतिक विरोधी’’ प्याज पर लगाए गए निर्यात शुल्क के बारे में ‘‘गलत तस्वीर’’ पेश कर रहे हैं. उन्होंने किसानों से चिंता न करने का आग्रह किया क्योंकि केंद्र ने अपने बफर स्टॉक के लिए 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद फिर से शुरू कर दी है.
प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के भारत के निर्णय से नेपाल में संकट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के बाद नेपाल प्याज की भारी कमी का सामना कर रहा है. समाचर पत्र ‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के अनुसार, भारत ने पिछले सप्ताह विदेशी बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. यह कदम आगामी त्योहारों के मद्देजनर कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच उठाया गया. भारत के 40 प्रतिशत निर्यात कर लगाने का असर सबसे अधिक नेपाल पर पड़ा. नेपाल के सबसे बड़े थोक बाजार ‘कालीमाटी फल व सब्जी बाजार’ में कई व्यापारियों ने प्याज की अचानक कमी की सूचना दी है. खबर में देश के सबसे बड़े थोक बाजार के सूचना अधिकारी बिनय श्रेष्ठ ने कहा कि नेपाल के बाजारों में प्याज की भारी कमी हो गई है. रविवार के बाद से प्याज की कोई खेप वितरित नहीं की गई और बचा हुआ भंडार सोमवार तक खाली हो जाएगा.
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