Onion Price: सरकार ने त्योहारों के मद्देनजर प्याज की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए इस पहल की शुरुआत की है, जिसमें पहली बार रेलवे के जरिए महाराष्ट्र से प्याज को दिल्ली लाया जाएगा. यह कदम महाराष्ट्र के लासलगांव रेलवे स्टेशन से दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन तक विशेष ट्रेन द्वारा प्याज पहुंचाने के लिए उठाया गया है. जिसका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्याज की कीमतों को स्थिर करना है.
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने गुरुवार को इस ऐतिहासिक पहल की घोषणा की और बताया कि इस तरह की व्यवस्था लखनऊ, वाराणसी, और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, नगालैंड, मणिपुर में भी की जाएगी. सरकार प्याज के परिवहन में नुकसान कम करने के लिए सीलबंद कंटेनरों के उपयोग पर लॉजिस्टिक कंपनी कॉनकॉर्ड के साथ भी काम कर रही है. इस कदम से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जहां बफर स्टॉक से प्याज को 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है, जबकि वर्तमान में खुदरा कीमतें 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी हैं.
प्याज की थोक कीमतों को कम करने के लिए नीलामी भी मौजूदा बाजार दरों पर की जाएगी. खरे ने बताया कि नासिक से दिल्ली तक एक ट्रेन के जरिए प्याज का परिवहन सड़क मार्ग की तुलना में 13.80 लाख रुपये की बचत के साथ किया जा रहा है. रेल द्वारा 70.20 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि सड़क मार्ग से यह 84 लाख रुपये होता है.
सरकार 5 सितंबर से मोबाइल वैन, एनसीसीएफ, नेफेड, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म और मदर डेयरी की सफल दुकानों के जरिए प्याज को रियायती दरों पर बेच रही है. दिवाली से पहले मोबाइल वैन की संख्या 600 से बढ़ाकर 1,000 करने की योजना है. अब तक बफर स्टॉक से 4.7 लाख टन प्याज में से 91,960 टन एनसीसीएफ और नेफेड को आवंटित किया जा चुका है, जबकि 86,000 टन प्याज विभिन्न राज्यों को भेजा गया है. इन कदमों के साथ, सरकार को प्याज की कीमतों को स्थिर करने में सफलता मिलने की उम्मीद है. इस संवाददाता सम्मेलन में एनसीसीएफ की प्रबंध निदेशक अनिस जोसेफ चंद्रा, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनुपम मिश्रा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
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