लॉकडाउन के दौरान बिक्री के लिए डिजिटल माध्यमों को अपनाने वाले खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि इस तरह से बिक्री में तेजी आयी है. उन्हें अनुमान है कि यह तेजी आगे भी बनी रहेगी क्योंकि पाबंदियों में ढील के बाद भी उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं.
कई खुदरा विक्रेता पहले खाने-पीने तथा किराने के जरूरी सामान ही ऑनलाइन माध्यमों से बेच रहे थे, उन्होंने अब बाकी सामानों को भी ऑनलाइन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. वे अब कपड़े, उपकरण, और इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान आदि भी उपलब्ध करा रहे हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, अब ऑनलाइन चैनल पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं के लिए ‘अपरिहार्य’ बन गया है और स्थानीय किराना दुकानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए उन्हें इस चैनल को और आगे बढ़ाना होगा, जो अब लॉकडाउन अवधि के दौरान डिजिटल तकनीकों को अपनाकर और भी स्मार्ट हो रहे हैं.
ईवाई के पार्टनर एवं नेशनल लीडर (कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एंड रिटेल) पिनाकिरंजन मिश्रा ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि रिटेलर्स ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन बिजनेस के लिए जो गति पकड़ी है, उसे भविष्य में बढ़ायेंगी.
फ्यूचर ग्रुप के अध्यक्ष (खाद्य एवं एफएमसीजी) कमलदीप सिंह ने कहा कि उनकी कंपनी के हाइपरमार्ट्स (ऑफलाइन स्टोर) पर अभी भी लोग आ रहे हैं, लेकिन यह महामारी से पहले के स्तर की तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि खरीदार सुरक्षित विकल्प के तौर पर होम डिलीवरी को पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, बिग बाजार ने बिगबाजार डॉट कॉम, व्हाट्सऐप ऑर्डर करने और फोन के माध्यम से ऑर्डर करने में उछाल देखा है.
इसी तरह के रुझान कैश एंड कैरी रिटेलर्स जैसे- वॉलमार्ट, मेट्रो कैश एंड कैरी और लॉट्स होलसेल के भी देखे गये. मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरविंद मेदिरत्ता के अनुसार, जो काम नोटबंदी ने डिजिटल भुगतान के लिए किया था, लॉकडाउन ने खुदरा कारोबार में प्रौद्योगिकी के लिए वही किया है. वॉलमार्ट इंडिया ने कहा कि लॉकडाउन के बाद इसकी ई-कॉमर्स बिक्री 4.5 गुना बढ़ गई है. इसने एक नया ई-कॉमर्स ऐप लॉन्च किया है, जिसे पांच लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है.
Posted By – Rajeev Kumar
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