नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते देश के उपभोक्ताओं के खरीदारी के तरीके में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. एक सर्वे में कहा गया है कि अगले 6-9 माह के दौरान 64 प्रतिशत उपभोक्ता आनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता देंगे .
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अभी यह आंकड़ा 46 प्रतिशत का है. सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी कैपजेमिनी की रिपोर्ट के अनुसार देश में लागू राष्ट्रव्यापी बंद के चलते आनलाइन माध्यमों के जरिये खरीदी बढ़ी है. सर्वे में कहा गया है कि बंद उठाए जाने के बाद भी यही रुख जारी रहने की संभावना है. यह सर्वे अप्रैल के पहले दो सप्ताह के दौरान किया गया. सर्वे के अनुसार, ‘‘करीब 46 प्रतिशत भारतीय दुकान पर जाकर खरीदारी करेंगे.
इस महामारी के फैलने से पहले यह आंकड़ा 59 प्रतिशत का था. वहीं अगले 6-9 माह के दौरान 72 प्रतिशत भारतीय ग्राहक ऐसे रिटेलरों खरीदारी करेंगे जो डिलिवरी की पेशकश करेंगे या भविष्य में आर्डर रद्द होने की स्थिति में मुआवजे का आश्वासन देंगे.” सर्वे में शामिल करीब 74 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं ने कहा कि वे अगले 6-9 माह के दौरान ऐसे रिटेलरों से खरीदारी करेंगे जो उनके अनुकूल समय पर डिलिवरी का भरोसा दिलाएंगे.
वहीं 89 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 के बाद वे साफ-सफाई, स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्कता बरतेंगे. करीब 78 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बाद वे डिजिटल भुगतान का अधिक इस्तेमाल करेंगे. 65 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कहना था कि अगले 6-9 माह के दौरान वे किराना और घर के इस्तेमाल के सामान की खरीद बढ़ाएंगे.
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