भारत में 2021 में 7.3 फीसदी आबादी के पास थी क्रिप्टोकरेंसी, बाजारों में प्रचलित नोटों पर मंडरा रहा खतरा

यूएनसीटीएडी ने कहा कि कोरोना के दौरान विकसित देशों समेत दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बेहद तेजी से बढ़ा है. इसमें आगे कहा गया कि यदि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान का व्यापक माध्यम बन जाती है, अनाधिकारिक रूप से घरेलू मुद्रा का स्थान ले लेती है, तो इससे देशों की मौद्रिक संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2022 12:10 PM

संयुक्त राष्ट्र : कोरोना महामारी ने न केवल दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाई है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में 7 फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है. रिपोर्ट में यह आशंका भी जाहिर की गई है कि इसी रफ्तार से क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने से दुनियाभर के बाजारों में प्रचलित नोटों पर खतरा मंडरा रहा है.

सातवें स्थान पर भारत

संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एवं विकास संस्था यूएनसीटीएडी ने कहा कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाली आबादी की हिस्सेदारी के लिहाज से 20 टॉप अर्थव्यवस्थाओं में से 15 विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाएं थीं. इस सूची में 12.7 फीसदी के साथ यूक्रेन टॉप पर है. इसके बाद रूस (11.9 फीसदी), वेनेजुएला (10.3 फीसदी), सिंगापुर (9.4 फीसदी), केन्या (8.5 फीसदी) और अमेरिका (8.3 है) हैं. भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी और इस सूची में उसका स्थान सातवां है.

दुनियाभर की प्रचलित करेंसी पर मंडरा रहा खतरा

यूएनसीटीएडी ने कहा कि कोविड-19 के दौरान विकसित देशों समेत दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बेहद तेजी से बढ़ा है. इसमें आगे कहा गया कि यदि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान का व्यापक माध्यम बन जाती है और अनाधिकारिक रूप से घरेलू मुद्रा का स्थान ले लेती है, तो इससे देशों की मौद्रिक संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है.

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यूक्रेन के परमाणु प्लांट पर हमले से भारत चिंतित

उधर, भारत ने यूक्रेन में जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के इस्तेमाल हो चुके ईंधन भंडारण केंद्र के पास गोलाबारी की खबरों को लेकर चिंता व्यक्त की है और परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपसी संयम बरतने का आह्वान किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों और केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा के संबंध में घटनाक्रम का सावधानीपूर्वक अवलोकन कर रहे हैं. भारत इन केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने को अत्यंत महत्व देता है, क्योंकि परमाणु केंद्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना का लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकता है.

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