चिदंबरम का आरोप : देश में महंगाई के लिए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार, घटाई जाए जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दर
चिदंबरम ने आगे कहा कि आगामी 19 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस महंगाई के मसले को कांग्रेस उठाएगी और इस पर चर्चा कराने की मांग भी करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रही है महंगाई का मुद्दा फर्जी है और सरकार इसे नजरअंदाज करेगी, तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा.
नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को केंद्र पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश के लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुई है और वह जनता की बेबसी का फायदा उठा रही है. उन्होंने सरकार से पेट्रोलियम पदार्थ और जरूरी सामानों से जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) की दरें घटाने की मांग की है.
चिदंबरम ने आगे कहा कि आगामी 19 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस महंगाई के मसले को कांग्रेस उठाएगी और इस पर चर्चा कराने की मांग भी करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रही है महंगाई का मुद्दा फर्जी है और सरकार इसे नजरअंदाज करेगी, तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि देश में महंगाई दर 6 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गई है. यह स्थिति तब है, जब केंद्र और रिजर्व बैंक ने महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी तय कर रखा है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई दर 6.26 फीसदी तक पहुंच गई है. इसमें शहरी उपभोक्ता महंगाई दर मई में 5.91 फीसदी थी, जो जून में 6.37 फीसदी तक पहुंच गई.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि महंगाई के आगे देश का आम उपभोक्ता बेबस है. सरकार लोगों की बेबसी का फायदा उठा रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उसे पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में खासी कमी करनी चाहिए.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगने वाली जीएसटी की दरों को कम किया जाएगा. इससे आम उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में भी महंगाई के मुद्दे को उठाएगी और इस पर चर्चा कराने की मांग भी करेगी.
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