24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अटल बिहारी वाजपेयी के राज में रतन टाटा को पद्म भूषण, फिर लग गई पुरस्कारों की झड़ी

Padma Bhushan Ratan Tata: विदेश में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद रतन टाटा वर्ष 1961 में टाटा ग्रुप में शामिल हुए, जहां उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया. बाद में उन्होंने 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया.

Padma Bhushan Ratan Tata: भारत के दिग्गज परोपकारी उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा हमारे बीच नहीं रहे. बुधवार की देर रात अचानक उनके चले जाने पर पूरा देश स्तब्ध और शोकाकुल है. महाराष्ट्र और झारखंड में राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूरी दुनिया की दिग्गज हस्तियां शोक जता रहे हैं. सही मायने में देखा जाए, तो रतन टाटा अपने आप में एक मानवता का संस्थान थे. परोपकारी कार्य और देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान के लिए 21वीं सदी की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल के दौरान साल 2000 में रतन टाटा को भारत का प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्मभूषण दिया गया था. इसके बाद तो मानों पुरस्कारों की झड़ी लग गई. साल 2000 से 2023 तक देश-विदेश से उन्हें करीब दो दर्जन से अधिक पुरस्कार प्रदान किए गए. आइए, जानते हैं कि रतन टाटा को साल 2000 से 2023 के बीच कितने पुरस्कार कहां-कहां से मिले.

रतन टाटा का जन्म कहां हुआ था?

रतन नवल टाटा का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ. उनके पिता का नाम नवल टाटा था और माता का नाम सूनी कमिसारीट था. रतन टाटा जब 11 साल के हुए तो वर्ष 1948 में उनके माता-पिता एक-दूसरे से अलग हो गए. इसके बाद उनके पिता नवल टाटा ने सिमोन से शादी कर ली, जिससे उनके दो भाई जिमी और नोएल टाटा हुए. मां से अलग होने के बाद टाटा समूह के तत्कालीन प्रमुख होर्मुसजी टाटा ने रतन टाटा को गोद ले लिया और बाद में उनकी पत्नी नवाजबाई टाटा ने उनका लालन-पोषण किया.

रतन टाटा ने पढ़ाई कहां तक की थी?

रतन टाटा ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई तत्कालीन बंबई और अब मुंबई के कैंपियन स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने इसी शहर के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पढ़ाई की. स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद रतन टाटा न्यूयॉर्क चले गए और वहां पर उन्होंने रिवरडेल कंट्री स्कूल वर्ष 1955 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने 1959 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की. वर्ष 2008 में उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी को करीब 50 मिलियन डॉलर का उपहार दिया, जो यूनिवर्सिटी के इतिहास में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय दान बन गया. इसके अलावा, रतन टाटा ऐसे परोकारी व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी आमदनी का करीब 60 से 65 फीसदी हिस्सा दान में दे दिया.

टाटा ग्रुप से रतन टाटा कब जुड़े थे?

विदेश में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद रतन टाटा वर्ष 1961 में टाटा ग्रुप में शामिल हुए, जहां उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया. बाद में उन्होंने 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया. उनके कार्यकाल में टाटा ग्रुप ने खुद को भारत केंद्रित व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर लिया. इसी दौरान टाटा ग्रुप ने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस का अधिग्रहण किया.

इसे भी पढ़ें: 2008 की महामंदी में इस यूनिवर्सिटी को 50 मिलियन डॉलर दान में दिए थे रतन टाटा, बने दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी

रतन टाटा को कब-कब मिला

  • 2000 : पद्म भूषण, भारत सरकार
  • 2001 : मानद डॉक्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी
  • 2004 : मेडल ऑफ द ओरिएंटल रिपब्लिक ऑफ उरुग्वे, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस
  • 2007 : कार्नेगी मेडल ऑफ फिलैंथ्रोपी कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस
  • 2008 : पद्म विभूषण, भारत सरकार
  • 2008 : मानद डॉक्टर ऑफ लॉ, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
  • 2008 : मानद डॉक्टर ऑफ साइंस, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे
  • 2008 : मानद डॉक्टर ऑफ साइंस, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर
  • 2008 : मानद नागरिक पुरस्कार, सिंगापुर सरकार
  • 2008 : मानद फैलोशिप, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
  • 2008 : इंस्पायर्ड लीडरशिप अवार्ड, इंडियन अफेयर्स इंडिया लीडरशिप कॉन्क्लेव
  • 2013 : अर्न्स्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर, लाइफटाइम अचीवमेंट अर्न्स्ट एंड यंग
  • 2013 : मानद डॉक्टर ऑफ बिजनेस प्रैक्टिस, कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी
  • 2014 : मानद डॉक्टर ऑफ बिजनेस, सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
  • 2014 : सयाजी रत्न पुरस्कार, बड़ौदा प्रबंधन संघ
  • 2014 : मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
  • 2014 : मानद डॉक्टर ऑफ लॉज यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा
  • 2015 : मानद डॉक्टर ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग, क्लेम्सन यूनिवर्सिटी
  • 2015 : सयाजी रत्न पुरस्कार बड़ौदा प्रबंधन संघ, मानद कौसा, एचईसी पेरिस
  • 2016 : कमांडर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर, फ्रांस सरकार
  • 2018 : मानद डॉक्टरेट, स्वानसी विश्वविद्यालय
  • 2021 : असम बैभव, असम सरकार
  • 2022 : मानद डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर, एचएसएनसी यूनिवर्सिटी
  • 2023 : मानद ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया, किंग चार्ल्स तृतीय
  • 2023 : उद्योग रत्न, महाराष्ट्र सरकार

इसे भी पढ़ें: रतन टाटा से 55 साल छोटा दोस्त, जिन्होंने अंतिम समय तक की देखभाल

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें