वाशिंगटन दूतावास बेचना चाहता है पाकिस्तान! IMF से पैसा तो नहीं मिला, मिली नसीहत
आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने जर्मनी में शुक्रवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर डॉयचे वेले के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान को ऐसी 'खतरनाक स्थिति' से बचने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जहां उसे कर्ज को पुनर्गठित करने की जरूरत पड़े.
इस्लामाबाद : ऐतिहासिक कंगाली के दौर में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से करीब 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे पाकिस्तान को वैश्विक संस्था से पैसा तो नहीं मिला, आईएमएफ ने उल्टे उसे नसीहत दे डाली. इस वैश्विक संस्था ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि वह एक देश की तरह काम कर ले. आईएमएफ ने आगे कहा कि पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ज्यादा कमाई करने वाले लोग टैक्स का भुगतान करें और केवल गरीबों को ही सब्सिडी दी जाए. उसने कहा कि यदि पाकिस्तान एक देश के रूप में काम करना चाहता है, तो ऐसा करना जरूरी है. चौंकाने वाली बात यह है कि पैसा जुटाने के लिए पाकिस्तान अब वाशिंगटन स्थित अपने दूतावास को ही बेचना चाहता है.
गरीबों को सब्सिडी, अमीरों पर लगाए टैक्स
आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने जर्मनी में शुक्रवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर डॉयचे वेले के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान को ऐसी ‘खतरनाक स्थिति’ से बचने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जहां उसे कर्ज को पुनर्गठित करने की जरूरत पड़े. समाचार पत्र डॉन एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि आईएमएफ पाकिस्तान के गरीब लोगों को बचाना चाहता है, लेकिन अमीरों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलना चाहिए. सब्सिडी गरीब को मिलनी चाहिए.
अर्थव्यवस्था में योगदान करें अमीर
उन्होंने कहा कि हम जो मांग कर रहे हैं, वो पाकिस्तान को एक देश के रूप में काम करने में सक्षम बनाने के लिए जरूरी हैं. उसे ऐसी खतरनाक स्थिति में जाने से बचना चाहिए, जहां कर्ज को पुनर्गठित करने की जरूरत पड़े. उन्होंने कहा कि जो लोग सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में अच्छा पैसा कमा रहे हैं, उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान देना चाहिए.
3 हफ्ते के आयात के बचे पैसे
बता दें कि ऐतिहासिक आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान का खजाना पूरी तरह से खाली हो गया है. किसी भी देश को विदेशों से सामान खरीदने के लिए उसके पास विदेशी मुद्रा का भंडार रहना आवश्यक है. पाकिस्तान के पास इस समय विदेशी मुद्रा भंडार केवल 3 अरब डॉलर यानी करीब 25 हजार करोड़ रुपये की रह गए हैं. इनते पैसों से पाकिस्तान केवल 3 हफ्ते तक ही आयात बिल का भुगतान कर सकता है. पिछले साल के फरवरी महीने में उसके पास करीब 16.7 अरब डॉलर का विदेश मुद्रा भंडार था, जो एक साल में घटकर 3 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है.
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पैसों के लिए बेचना चाहता है वाशिंगटन दूतावास
खबर यह भी है कि पाकिस्तान वाशिंगटन स्थित अपने दूतावास की संपत्ति भी बेचना चाहता है, ताकि उसे बेचकर कुछ पैसे जुटाए जा सकें. इसके साथ ही, पाकिस्तान में मैरिज गार्डन, शॉपिंग मॉल्स, रेस्टोरेंट और बाजार जल्दी ही बंद कराए जा रहे हैं, ताकि पेट्रोल-डीजल की खपत को कम किया जा सके. सबसे बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान का सामान्य सरकारी कर्ज वर्ष 2022 में जीडीपी का करीब 78 फीसदी हो गया है, जो पांच साल पहले वर्ष 2017 में जीडीपी का केवल 60 फीसदी ही था. इसके अलावा, पाकिस्तान का कुल बाहरी कर्ज करीब 10 लाख रुपये करोड़ है.
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