पाकिस्तान में कड़वी हुई चीनी की मिठास, 200 PKR के पार पहुंची कीमत, अब सरकार ले रही ये एक्शन
Sugar Import in Pakistan: पाकिस्तान में चीनी का भाव 220 PKR किलो पहुंच गया है. वर्तमान में पंजाब खाद्य विभाग के पास लगभग 1 मिलियन मीट्रिक टन चीनी का कैरीओवर अधिशेष स्टॉक है. मगर फिर जानकारों ने आने वाले दिनों में देश में चीनी की संभावित संकट होने की संभावना जता रही है.
Sugar Import in Pakistan: पाकिस्तान की हालत पतली होती जा रही है. एक तरफ वहां राजनीतिक उठापटक चल रहा है. वहीं, जनता भी महंगाई से परेशान है. रिपोर्ट्स की माने तो बीते 75 वर्षों में देश के लिए यह सबसे बड़ा आर्थिक संकट है. बताया जा रहा है कि वहां की जनता को चीनी के लिए भी अब मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. पाकिस्तान में चीनी का भाव 220 PKR किलो पहुंच गया है. वर्तमान में पंजाब खाद्य विभाग के पास लगभग 1 मिलियन मीट्रिक टन चीनी का कैरीओवर अधिशेष स्टॉक है. मगर फिर जानकारों ने आने वाले दिनों में देश में चीनी की संभावित संकट होने की संभावना जता रही है. ऐसे में अब पाकिस्तान सरकार बेबस होकर कीमतों पर लगाम लगाने के लिए चीनी आयात करने की सोच रही है.
आसान नहीं होगा चीनी आयात करना
आर्थिक और राजनीतिक संकट में घिरे पाकिस्तान में चीनी मील के संचालकों ने कहा था कि उनके पास प्रचूर चीनी का भंडार है. मगर, अब वो अपनी बात से मुकर गए हैं. ऐसे में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने फैसला किया कि वो 1 मिलियन मीट्रिक टन चीनी को आयात करेगा. मगर, परेशान ये भी है कि किसी भी देश के व्यापार डॉलर में होता है. मगर, देश के पास डॉलर की कमी है. पाकिस्तान के पास डॉलर्स की कमी को पूरा करने के लिए इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) एक सहारा था. देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ने भी कर्ज देने से मना कर दिया. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सरकार 220 प्रति किलोग्राम पाकिस्तान रुपये की दर से चीनी आयात करेगी. इसका सीधा अर्थ है कि जनता को इसके लिए अभी भी मोटी रकम चुकानी पड़ेगी.
महंगाई की बोझ से और दबेगी जनता
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, देश की जनता पहले से महंगाई की मार से दबी हुई है. इस महीने लोगों को महंगी बिजली बिल का भी बड़ा झटका लग चुका है. इसे लेकर जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं. ऐसे में पाकिस्तान सरकार के द्वारा अधिशेष स्टॉक का उपयोग करना ही एकमात्र विकल्प है. मई के महीने में यहां महंगाई दर 38 प्रतिशत तक पहुंच गयी है. आजादी के बाद यह देश के लिए सबसे ज्यादा है. जानकारी के लिए बता दें पाकिस्तान में साल 1957 से ही महंगाई के आंकड़े रखते जा रहा हैं. वहीं, सामने आयी जानकारी के मुताबिक फूड ग्रेन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से महंगाई दर में वृद्धि हुई है. पाकिस्तान के लिए हालात और भी बुरे हो गए हैं क्योंकि, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड से भी लोन मिलने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं.
एशिया का सबसे महंगा देश बना पाकिस्तान
पाकिस्तान के लिए हालात इतने बुरे हो गए हैं कि अब वह सबसे ज्यादा महंगाई की मार झेलने वाला देश बन गया है. पाकिस्तान से पहले श्रीलंका एशिया का सबसे ज्यादा महंगाई दर वाला देश था लेकिन अब पाकिस्तान ने उसे भी ओवरटेक कर दिया है. पाकिस्तान में जहां तेजी से महंगाई बढ़ रही है वहीं, दूसरी तरफ श्रीलंका में अब पिछले 8 महिनों में महंगाई दर काफी तेजी नीचे आ रही है. मई के महीने में श्रीलंका में महंगाई दर 25.2 प्रतिशत दर्ज की गयी जो कि, अप्रैल के महीने में 35.3 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. बता दें IMF से लोन के लिए इनकार किये जाने के बाद श्रीलंका की ही तरह पकिस्तान पर भी डिफ़ॉल्ट होने का संकट मंडरा रहा है.
IMF ने किया लोन देने से इनकार
शहबाज शरीफ ने इंटरनेशनल मोनेटरी फंड से गुहार की थी जिसे खारिज कर दिया गया. शहबाज शरीफ ने लोन के लिए भी अनुरोध किया था जिसे ठुकरा दिया गया है. जानकारों की मानें तो पाकिस्तान के पास एक बार फिर से IMF से गुहार लगाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. जानकारी के लिए बता दें पाकिस्तान में पिछले साल मई के महीने में महंगाई दर 13.76 प्रतिशत पर रिकॉर्ड की गयी थी लेकिन, अब यह अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. पाकिस्तान में शहबाज सरकार ने नये फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार को नियुक्त किया था क्योंकि, उन्हें उम्मीद थी कि डार बढ़ती महंगाई को रोकने में सफल होंगे और IMF से लोन भी दिलवाएंगे. डार इन दोनों ही कामों को करने में बुरी तरह से असफल रहे.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.