इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आवश्यक ईंधन में कमी की वजह से पेट्रोल पंपों को बंद करने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार बिजली गुल करने की तैयारी में जुट गई है. पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने राजस्व वसूली के लिए बिजली उपभोक्ताओं पर नया पावर टैक्स लगा दिया है. मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें, तो पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को खुश करने के लिए अपने किसानों और उपभोक्ताओें पर नया पावर टैक्स लगाने का फैसला किया है.
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने आईएमएफ को खुश करने के लिए किसानों समेत सभी बिजली उपभोक्ताओं पर नया पावर टैक्स लगाने की मंजूरी दी है. इससे सरकार को 170 अरब रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है. पाकिस्तान सरकार के इस कदम को आईएमएफ की तरफ से रखी गई शर्त के तौर पर देखा जा रहा है. राहत पैकेज के तहत 1.1 अरब डॉलर की नई किस्त जारी करने के पहले मुद्राकोष ने कुछ सख्त कदम उठाने को कहा था.
आईएमएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने किस्त जारी करने के संदर्भ में पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ 10 दिन तक वार्ता की थी, लेकिन कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर किए बगैर ही वह प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को वाशिंगटन लौट गया. वार्ता में पाकिस्तानी पक्ष के मुखिया वित्त मंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को बताया कि इस बातचीत को गति देने के लिए कुछ ठोस कदमों की जरूरत है. दोनों पक्ष सोमवार से वर्चुअल माध्यम से वार्ता बहाल करेंगे.
पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने शुक्रवार को औसत बिजली टैरिफ में 3.39 रुपये प्रति यूनिट के साथ विशेष वित्तपोषण अधिभार को लागू करने की मंजूरी दे दी. इसके अलावा, त्रैमासिक टैरिफ समायोजन तक एक वर्ष के लिए 3.21 रुपये प्रति यूनिट और तीन महीने के लिए 4 प्रति रुपये प्रति यूनिट तक के लंबित ईंधन लागत समायोजन की वसूली के लिए भी मंजूरी दी गई है.
Also Read: Pakistan Crisis: पाकिस्तान में सूख गए पेट्रोल पंप, शहबाज सरकार को कोस रहे लोग
आर्थिक समन्वयक समिति ने आईएमएफ की अग्रिम शर्तें पूरी करने के लिए शून्य-रेटिंग वाले उद्योगों के साथ-साथ किसान पैकेज पर जारी बिजली टैरिफ सब्सिडी को भी बंद करने की मंजूरी प्रदान कर दी. यह आदेश एक मार्च से प्रभावी माना जाएगा. नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है. उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.