Pamban Bridge: भारत में पहली बार समंदर में उठेगा वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज, जानें इसकी अद्भुत खासियत

Pamban Bridge: भारतीय रेलवे ने पंबन ब्रिज का निर्माण पूरा कर अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का अद्वितीय प्रदर्शन किया है. यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है, जो आधुनिक तकनीक और उत्कृष्ट डिजाइन का शानदार उदाहरण है.

By Abhishek Pandey | December 22, 2024 2:58 PM

Pamban Bridge: भारतीय रेलवे ने पंबन ब्रिज का निर्माण पूरा कर अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का अद्वितीय प्रदर्शन किया है. यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है, जो आधुनिक तकनीक और उत्कृष्ट डिजाइन का शानदार उदाहरण है. यह पुल मुख्य भूमि के मंडपम को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा निर्मित इस परियोजना ने भारतीय रेलवे की तकनीकी और डिजाइन में नई ऊंचाइयों को छुआ है.वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज की खासियत यह है कि इसका बीच का हिस्सा खुलने के बजाय, लिफ्ट की तरह पूरा हिस्सा ऊपर उठ जाता है. 2.05 किलोमीटर लंबे इस पुल में 19.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक विशेष नेविगेशनल स्पैन शामिल है. इसे अंतरराष्ट्रीय कंसल्टेंट TYPSA ने भारतीय और यूरोपीय मानकों के अनुसार डिजाइन किया है. यह पुल भारत में अपनी तरह का पहला और दुनिया में दूसरा पुल है.

Pamban Bridge की संरचना

नए पंबन ब्रिज में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन शामिल है. यह मौजूदा पुल की तुलना में 3 मीटर ऊंचा है और समुद्र तल से 22 मीटर की नौवहन वायु निकासी प्रदान करता है. इसके निर्माण में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल नियंत्रित सिस्टम का उपयोग किया गया है, जो इसे ट्रेन नियंत्रण प्रणालियों के साथ समन्वित करता है.

नवीन तकनीक और संचालन प्रक्रिया

आरवीएनएल के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एम दिनेश ने बताया कि पुल को संचालित करने के लिए काउंटरवेट मैकेनिज्म का उपयोग किया गया है, जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है. जहाजों की आवाजाही के लिए, पुल को समुद्री और रेलवे विभाग के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है. एक जहाज को गुजरने देने के लिए ट्रेन संचालन को लगभग दो घंटे के लिए रोकना होगा.

Pamban bridge

पुराने और नए पुल की तुलना

आरवीएनएल के कार्यकारी निदेशक बी एन सिंह ने बताया कि पुराने पुल में ऊर्ध्वाधर निकासी केवल 1.5 मीटर थी, जिससे गर्डर पर समुद्री पानी की बौछार होती थी. इसके विपरीत, नए पुल की ऊंचाई 3 मीटर अधिक है और यह 22 मीटर की वायु निकासी प्रदान करता है.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और महत्व

रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रकाशन के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार के अनुसार, पुराना पंबन ब्रिज 24 फरवरी 1914 को चालू हुआ था. अब आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इस नए पुल का निर्माण किया गया है. यह न केवल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है, बल्कि तेज गति से ट्रेनों के संचालन की भी अनुमति देता है.

पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण

ग्रेट पंबन ब्रिज अपनी शानदार डिजाइन और कार्यक्षमता के कारण दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह रामेश्वरम में स्थित प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के तीर्थयात्रियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मार्ग है.

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