Paytm के CEO नकुल जैन ने छोड़ा पद, कंपनी ने उत्तराधिकारी खोजने की प्रक्रिया शुरू की

Paytm: नकुल जैन ने 2022 में पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज से जुड़कर अपनी सेवाएं दीं. इससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक में नेतृत्व की प्रमुख भूमिकाओं में थे.

By Abhishek Pandey | January 28, 2025 1:14 PM
an image

Paytm: पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) के प्रबंध निदेशक और सीईओ नकुल जैन ने 31 मार्च 2025 को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि यह निर्णय जैन की उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने की इच्छा के कारण लिया गया. कंपनी ने यह भी बताया कि अगर आपसी सहमति होती है तो प्रस्थान की तारीख पहले भी हो सकती है.

नए नेतृत्व की तलाश जारी

पीपीएसएल ने कहा कि वे एक नए उत्तराधिकारी की पहचान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. कंपनी ने यह भी कहा कि नए नेतृत्व की घोषणा नियत समय में की जाएगी. फिलहाल, कंपनी अपने व्यवसाय के उद्देश्यों को पूरा करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

नकुल जैन का अनुभव और नेतृत्व

नकुल जैन ने 2022 में पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज से जुड़कर अपनी सेवाएं दीं. इससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक में नेतृत्व की प्रमुख भूमिकाओं में थे. जैन को भुगतान और खुदरा बैंकिंग में दो दशकों से अधिक का अनुभव है.

Also Read : गोविंदा के भांजे की रईसी, जूते के लिए लिया अलग फ्लैट, नेट वर्थ जानकर चौंक जाएंगे आप

आरबीआई की मंजूरी का इंतजार और विनियामक चुनौतियां

नकुल जैन का इस्तीफा उस समय आया है जब पीपीएसएल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अपने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. नवंबर 2022 में, आरबीआई ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मानदंडों का अनुपालन न करने के कारण लाइसेंस आवेदन को खारिज कर दिया था. अगस्त 2024 में डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए सरकारी मंजूरी मिलने के बाद, कंपनी ने लाइसेंस के लिए फिर से आवेदन किया है और निर्णय का इंतजार कर रही है.

कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार

यह घोषणा वन97 कम्युनिकेशंस की Q3 FY25 आय रिपोर्ट के बाद आई है. रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 208.3 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 219.8 करोड़ रुपये था. हालांकि कंपनी के राजस्व में वर्ष-दर-वर्ष 36% की गिरावट आई और यह 1,827.8 करोड़ रुपये पर आ गया, लेकिन तिमाही दर तिमाही इसमें 10% की वृद्धि दर्ज की गई.

Also Read : दुनिया का एकमात्र देश जहां GDP से तय होती है प्रधानमंत्री की सैलरी

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version