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Paytm का चौथी तिमाही में 550 करोड़ बढ़ा घाटा, आरबीआई के प्रतिबंध का कारोबार पर असर

Paytm News: पेटीएम ने कहा है कि हमारे वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजे यूपीआई लेनदेन पर अस्थायी कार्रवारई और पीपीबीएल पर प्रतिबंध के कारण पैदा हुई स्थायी बाधा से प्रभावित हुए. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का घाटा कम होकर 1,422.4 करोड़ रुपये रह गया.

Paytm News: यूपीआई लेनदेन और पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रतिबंध से पेटीएम को संचालित करने वाली फिनटेक कंपनी वन97 कम्युनिकेशन का वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में घाटा बढ़कर 550 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. हालांकि, पिछले साल की चौथी तिमाही में उसका घाटा 167.5 करोड़ रुपये था. वन97 कम्युनिकेशन के पास ही पेटीएम का स्वामित्व है.

पेटीएम के राजस्व में तीन फीसदी की गिरावट

पेटीएम की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि हमारे वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजे यूपीआई लेनदेन पर अस्थायी कार्रवारई और पीपीबीएल पर प्रतिबंध के कारण पैदा हुई स्थायी बाधा से प्रभावित हुए. पेटीएम ने 2,267 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो वार्षिक आधार पर तीन फीसदी की मामूली गिरावट है. हमारा योगदान मुनाफा यूपीआई प्रोत्साहनों सहित 57 फीसदी और यूपीआई प्रोत्साहनों को छोड़कर 51 फीसदी रहा.

आरबीआई ने 15 मार्च 2024 को लगाया प्रतिबंध

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 15 मार्च से व्यापारियों सहित ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक के खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक लगा दी है. कंपनी ने बताया कि चौथी तिमाही में कंपनी ने पीपीबीएल में 39 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 227 करोड़ रुपये के निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया. पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा की पीपीबीएल में 51 फीसदी हिस्सेदारी है.

आमदनी पर भी पड़ा प्रभाव

शेयर बाजार को दी गई जानकारी में पेटीएम ने कहा है कि चौथी तिमाही में परिचालन से होने वाली आमदनी 2.8 फीसदी घटकर 2,267.1 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की चौथी तिमाही में यह 2,464.6 करोड़ रुपये थी. वहीं, पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का घाटा कम होकर 1,422.4 करोड़ रुपये रह गया. यह वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा 1,776.5 करोड़ रुपये था. पेटीएम का वार्षिक राजस्व करीब 25 फीसदी बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये हो गया, यह 2022-23 में 7,990.3 करोड़ रुपये था.

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जून 2025 की तिमाही में दिखेगा असली असर

कंपनी को आशंका है कि चौथी तिमाही में उपजी बाधा का पूरा वित्तीय प्रभाव जून 2025 तिमाही में दिखाई देगा. बयान में कहा गया है कि हमें वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 1,500-1,600 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है. इस बीच, ऑफलाइन भुगतान के मुख्य व्यवसाय अधिकारी रिपुंजय गौड़ को कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन कर्मी के रूप में नामित किया गया है.

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