EPF News : देश के लाखों कर्मचारियों की पेंशन में 8500 रुपये तक हो सकती है बढ़ोतरी, जानिए कैसे?

अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 15000 रुपये से अधिक है तो भी सैलेरी पर पीएफ 15000 रुपये पर ही कैलकुलेट होगा. यानी अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50000 रुपये है और वह 50000 पर ही अपनी पेंशन कैलुकलेट करना चाहता है, तो वह ऐसा नहीं कर सकता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2022 1:32 PM

नई दिल्ली : देश के निजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उनकी पेंशन में कम से कम 8500 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के मूल वेतन पर 15000 रुपये का कैप लगा रखा है और इसी के आधार पर पेंशन की गणना की जाती है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह कैप हट जाएगा और पेंशन की गणना 15000 रुपये की बजाय 20000 रुपये पर होगी. अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों की मासिक पेंशन में कम से कम 8500 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है.

ईपीएफओ ने 15000 पर लगा रखा है कैप

अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 15000 रुपये से अधिक है तो भी सैलेरी पर पीएफ 15000 रुपये पर ही कैलकुलेट होगा. यानी अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50000 रुपये है और वह 50000 पर ही अपनी पेंशन कैलुकलेट करना चाहता है, तो वह ऐसा नहीं कर सकता. इसका कारण यह है कि ईपीएफओ की ओर से 15000 रुपये पर कैप लगाया हुआ है.

वेतन सीमा खत्म करने पर बढ़ेगी पेंशन

हालांकि, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अगर सुप्रीम कोर्ट वेतन की सीमा को खत्म करता है, तो पीएफ का कैलकुलेशन उच्चतम ब्रैकेट पर भी किया जा सकता है. यानी मूल वेतन 15000 रुपये से अधिक होने पर पीएफ का पैसा उच्चतम स्तर पर काटा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को कई गुना ज्यादा पेंशन मिलेगी.

क्या है मामला

कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना को केंद्र सरकार ने 1 सितंबर 2014 को एक अधिसूचित कर दिया था. उस समय निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था. इस पर ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया. 1 अप्रैल 2019 को ईपीएफओ की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए कहा कि जो कर्मचारी अपने वास्तविक वेतन के आधार पर योगदान दे रहे हैं, वे अपनी कंपनी के साथ संयुक्त ऑप्शन के रूप में जमा कर रहे हैं. वे बिना औचित्य के पेंशन योजना के लाभों का फायदा उठा नहीं पाते. पेंशन का वेतन 15 हजार रुपये तय करने का कोई औचित्य नहीं है. इस मामले पर 17 अगस्त से लगातार सुनवाई हो रही है और ये मामला अभी भी लंबित है.

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कितनी बढ़ेगी पेंशन?

अगर किसी कर्मचारी की सैलरी (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) 20 हजार रुपये है. पेंशन के फॉर्मूले के मुताबिक, पेंशन 7500 की जगह 8,571 रुपये हो जाएगी. ईपीएस गणना का फॉर्मूला= मंथली पेंशन=(पेंशन योग्य सैलरी x ईपीएस कंट्रीब्यूशन) से चेक कर सकते है. यानी पेंशन में सीधे 300 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.

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