19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Petrol and diesel Price: पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने पर विचार कर रहा वित्त मंत्रालय, मध्य मार्च तक कम हो सकता है मूल्य

Petrol and diesel Price, central government, excise duty : नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल के मूल्य में वृद्धि से बढ़ रही महंगाई से आम लोगों को जल्द राहत मिल सकती है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने पर सरकार विचार कर रही है. उम्मीद है कि 15 मार्च तक पेट्रोल और डीजल के मूल्य में कमी आ सकती है.

नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल के मूल्य में वृद्धि से बढ़ रही महंगाई से आम लोगों को जल्द राहत मिल सकती है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने पर सरकार विचार कर रही है. उम्मीद है कि 15 मार्च तक पेट्रोल और डीजल के मूल्य में कमी आ सकती है.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पर पर लगनेवाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती की योजना बनायी जा रही है. जल्द ही कीमतें घटाने पर फैसला लिया जा सकता है.

मालूम हो कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है. वहीं, राज्य सरकारें वैट लगाती हैं. दोनों करों के बाद तेल कंपनियों का कमीशन भी होता है. इससे पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गयी है.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि पेट्रोल और डीजल के दाम मार्च के अंत या अप्रैल तक कम होने की उम्मीद है. मालूम हो कि कोरोना संक्रमण काल में कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बाद पिछले 10 माह में कच्चे तेल की कीमतें दोगुनी हो गयी हैं.

भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में टैक्स और ड्यूटी का योगदान करीब 60 फीसदी है. इसीलिए पेट्रोल और डीजल के दाम महंगे हो गये हैं.

मालूम हो कि कोरोना महामारी के दौरान पिछले 12 महीनों में ठप हुई आर्थिक गतिविधियों के कारण कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बावजूद केंद्र सरकार ने आम जनता को लाभ देने के बजाय दो बार रेवेन्यू बढ़ाये थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय कुछ राज्यों, तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ परामर्श कर रहा है कि रेवेन्यू में कमी के बिना उपभोक्ताओं के टैक्स के बोझ को कैसे कम किया जाये. साथ ही इस पर भी चर्चा हो रही है कि कैसे कीमतों को स्थिर रखा जा सकता है.

मालूम हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोलियम उत्पादों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के दायरे में लाने के संकेत दिये हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने भी कहा है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें