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कोरोना-युद्ध की वजह से पेट्रोल-डीजल हुए महंगे, पाइपलाइन से घर-घर पहुंचायेंगे LPG, संसद में हरदीप पुरी

दुर्गम होने के कारण केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्र ही इसके दायरे से बच जायेंगे. उन्होंने कहा कि पाइप के माध्यम से आने वाली रसोई गैस सिलेंडर के जरिये आपूर्ति होने वाली गैस की तुलना में सस्ती, उपभोक्ता अनुकूल है.

LPG Gas Latest Update: सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि विस्तार कार्य के नये दौर के बाद, भारत के 82 प्रतिशत से अधिक भूमि क्षेत्र और 98 प्रतिशत आबादी को पाइप से रसोई गैस की आपूर्ति के दायरे में लाया जायेगा. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.

12 मई को खोली जायेगी बोलियां

उन्होंने कहा कि विस्तार कार्य के लिए बोलियां इसी साल 12 मई को खोली जायेंगी. पुरी ने कहा कि बोली प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बुनियादी ढांचे को तैयार करने में कुछ निश्चित समय लगता है. उन्होंने कहा, ‘11वें दौर की बोली के बाद, 82 प्रतिशत से अधिक भूमि क्षेत्र और 98 प्रतिशत आबादी दायरे में आ जायेगी, ताकि घरों में पाइप से रसोई गैस की आपूर्ति हो सके.’

पाइप से गैस की आपूर्ति सस्ती और उपभोक्ता अनुकूल

उन्होंने कहा कि दुर्गम होने के कारण केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्र ही इसके दायरे से बच जायेंगे. उन्होंने कहा कि पाइप के माध्यम से आने वाली रसोई गैस सिलेंडर के जरिये आपूर्ति होने वाली गैस की तुलना में सस्ती और अधिक उपभोक्ता अनुकूल है. पुरी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिये गये.

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30 करोड़ गैस सिलेंडर की होती है आपूर्ति

उन्होंने कहा कि आज गैस सिलेंडरों की संख्या 30 करोड़ हो गयी है, जो वर्ष 2014 में कुल 14 करोड़ थी. उन्होंने कहा, ‘हम पूरी आबादी को कवर करेंगे और यह काम प्रगति पर है.’ उन्होंने कहा कि सरकार का प्रस्ताव कुल 1,000 एलएनजी स्टेशन स्थापित करने का है और उनमें से 50 एलएनजी स्टेशन अगले कुछ वर्षों में स्थापित किये जायेंगे.

कोरोना और युद्ध की वजह से महंगे हुए पेट्रोल-डीजल

पुरी ने कहा कि राज्य सार्वजनिक परिवहन प्रदाताओं और कुछ अन्य राज्य उद्यमों को थोक दरों पर डीजल की आपूर्ति की जा रही थी. इस कीमत में डीलर कमीशन आदि शामिल नहीं होते. उन्होंने कहा कि महामारी और दुनिया के एक हिस्से में सैन्य कार्रवाई के बाद, वैश्विक तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि इस वजह से थोक विक्रेताओं को आपूर्ति खुदरा आपूर्ति की तुलना में अधिक महंगी हो गयी.

Posted By: Mithilesh Jha

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