आम आदमी के लिए एक खबर परेशान करने वाली है. इस सप्ताह देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है. यूक्रेन संकट की वजह से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में रिकाॅर्ड वृद्धि हुई है, जिसकी वजह से सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि करेगी, इसकी पूरी संभावना है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि पहले ही हो जाती लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की वजह से चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं की गयी थी, लेकिन अब वृद्धि तय है.
गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के 13 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर 140 डॉलर प्रति पर पहुंचने के बावजूद ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होने के बाद पेट्रोलियम कंपनियां अब अपने घाटे की भरपाई करने के लिए तैयार है. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल, अमेरिकी तेल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. यह जुलाई, 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है.
ज्ञात हो कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिये पूरा करता है. तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है. उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है.
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