Petrol-Diesel Rates: दिल्ली में स्थिर तो नोएडा में घटे तेल के दाम, वाराणसी में आया उछाल, जानें अपने शहर का रेट
Petrol-Diesel Rates: सोमवार को भारत के ज्यादातर शहरों में तेल की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं आया है. हालांकि, कुछ शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव हुआ है. राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये लीटर पर स्थिर है.
Petrol-Diesel Rates: भारत की तेल कंपनियों ने सप्ताह के पहले दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपडेट कर दिया है. सोमवार को भारत के ज्यादातर शहरों में तेल की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं आया है. हालांकि, कुछ शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव हुआ है. राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये लीटर पर स्थिर है. वहीं, मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये लीटर हैं. तेल कंपनियां कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये लीटर और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये लीटर बेच रही है. हालांकि, दिल्ली से सटे नोएडा में तेल की कीमतों में कमी आयी है. जबकि, वाराणसी में पेट्रोल-डीजल के दाम में तेजी देखने को मिल रही है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पेट्रोल 6 पैसे घटकर 96.59 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.76 रुपये बिक रहा है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल की कीमतों में 10 पैसे का उछाल आया है. यहां, पेट्रोल 96.57 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.76 रुपये लीटर बिक रहा है. वहीं, वाराणसी में पेट्रोल की कीमतों में 60 पैसे की तेजी आयी है. यहां पेट्रोल 97.49 रुपये और डीजल 59 पैसे बढ़कर 90.67 रुपये लीटर बिक रहा है.
बीपीसीएल के बाद ओएनजीसी ने मुंबई अपतटीय क्षेत्र से एचपीसीएल को तेल बिक्री का करार किया
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने मुंबई के अपतटीय क्षेत्रों के कच्चे तेल को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. एचपीसीएल को बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. ओएनजीसी ने दो महीने में इस तरह का दूसरा करार किया है. देश की शीर्ष तेल एवं गैस उत्पादन कंपनी नीलामी के बजाय अनुबंध के जरिये बिक्री को प्राथमिकता दे रही है. ओएनजीसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उसने मुंबई अपतटीय क्षेत्र से कच्चे तेल की बिक्री के लिए एचपीसीएल के करार किया है. कंपनी ने इस करार का ब्योरा नहीं दिया है. हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यह करार एचपीसीएल की मुंबई रिफाइनरी को सालाना 45 लाख टन कच्चे तेल की बिक्री के लिए है.
पिछले महीने भी ओएनजीसी ने किया था बड़ा करार
ओएनजीसी ने कहा कि विपणन की स्वतंत्रता मिलने के बाद मुंबई अपतटीय कच्चे तेल की बिक्री के लिए यह दूसरा करार है. पिछले महीने ओएनजीसी ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को 40 लाख टन और पांच लाख टन वैकल्पिक कच्चे तेल की सालाना बिक्री के लिए करार किया था. बीपीसीएल के पास भी कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदलने की रिफाइनरी है. ओएनजीसी अरब सागर से अपने क्षेत्रों से सालाना 1.3-1.4 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन करती है. पिछले साल जून में सरकार ने 1999 से पहले दिए गए ब्लॉकों से तेल सरकार द्वारा नामित ग्राहकों.. ज्यादातर सरकारी रिफाइनरी कंपनियों को बेचने के नियम को समाप्त कर दिया था. पुराने नियम की वजह से ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे उत्पादकों को अपने उत्पाद के लिए बेहतर बाजार मूल्य नहीं मिलता था. इस नियम में बदलाव के बाद ओएनजीसी ने पश्चिमी अपतटीय में मुंबई हाई और पन्ना/मुक्ता क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल की तिमाही नीलामी शुरू की थी.
कैसे चेक करें अपने शहर का फ्यूल रेट
मैसेज के जरिए अपने शहर का फ्यूल रेट जानने के लिए बीपीसीएल (BPCL) के ग्राहक RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज भेजना होगा. वहीं HPCL के ग्राहकों को दाम पता करने के लिए HPPRICE <डीलर कोड> लिखकर 9222201122 पर मैसेज करें. इंडियन ऑयल के ग्राहक RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज कर सकते हैं.
भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार द्वारा तय होते हैं और यह एक डायनामिक प्रक्रिया है जो विभिन्न कारगर कारकों पर निर्भर करती है. यहां कुछ मुख्य कारक हैं जो इस प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं:
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आंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य (International Market Prices): भारत उपयोगकर्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल के विश्वासपूर्वक संग्रहित वितरण नेटवर्क नहीं है. इसलिए, विश्व बाजार में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में उत्तराधिकार खत्म होने के बावजूद, भारत अंत में मात्रा और वितरण में परिभाषित है.
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कर और शुल्क (Taxes and Duties): पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को निर्धारित करने में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने वाले कर और शुल्क शामिल होते हैं. यह आमतौर पर विभिन्न अद्यावधिक निर्णयों के आधार पर बदल सकते हैं.
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राज्य सरकारों का योगदान (State Government Contribution): राज्य सरकारें भी पेट्रोल और डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए अपने योगदान को शामिल कर सकती हैं. वे अपने राज्य में विभिन्न शुल्क और करों को लागू कर सकते हैं.
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मुद्रा की मांग और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति (Demand for Currency and Supply of Petroleum Products): पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और उनकी आपूर्ति के बीच संतुलन भी मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं. यदि उत्पादों की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है, तो मूल्यों में वृद्धि हो सकती है. उत्पादों की मांग कम है और आपूर्ति अधिक है, तो मूल्यों में कमी हो सकती है.
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निर्यात और आयात की घटनाएं (Export and Import Events): विभिन्न निर्यात और आयात की घटनाएं भी पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को प्रभावित कर सकती हैं. ये घटनाएं विभिन्न देशों और उत्पादकों के बीच होती हैं और मूल्यों पर प्रभाव डालती हैं.
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