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Petrol-Diesel Price: आपके शहर में क्या भी बढ़ गए पेट्रोल-डीजल के दाम,गाड़ी में तेल भरवाने से पहले चेक करें रेट

Petrol-Diesel Price: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव के भारत में तेल की कीमतों पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. आइये जानतें है कि आपके शहर में पेट्रोल की कीमत क्या है.

Petrol-Diesel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी जारी है. ऐसे में वैश्विक बाजार में कीमतों में उतार चढ़ाव जारी है. पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमतें 93 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गयी हैं. शुक्रवार को वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 93.87 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार चल रही है. वहीं, डीजल की कीमत भी 90 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है. हालांकि, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव के भारत में तेल की कीमतों पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. आइये जानतें है कि आपके शहर में पेट्रोल की कीमत क्या है. देश के महानगरों की बात करें तो राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है. आज प्रति लीटर पेट्रोल का भाव ₹96.72 है. जबकि, डीजल का भाव प्रति लीटर 89.69 रुपये है. वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये लीटर है. जबकि, डीजल की कीमत प्रति लीटर 94.24 रुपये. कोलकाता में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यहां पेट्रोल प्रति लीटर 106.03 रुपये जबकि, 92.76 रुपये प्रति लीटर पर है. चेन्नई में डीजल की कीमत मुबंई के बराबर है. यहां पेट्रोल की कीमत 102.63 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 94.24 रुपये प्रति लीटर है. गाड़ी मालिकों के लिए एक अच्छी बात ये है कि पिछले 10 दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं. समझा जा रहा है कि चुनावी मौसम के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में उठा-पटक के बाद भी कीमतें स्थिर हैं.

रोज अपडेट होती है पेट्रोल-डीजल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर भारत में हर शहर में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद दाम तय करती हैं. अगर आप रोज अपने शहर के पेट्रोल-डीजल की कीमत के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने मोबाइल से एक एसएमएस करना पड़ेगा. इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेज सकते हैं. इसके जवाब में कंपनी आज का रेट भेज देगी. अपने शहर का RSP कोड जानने के लिए यहां क्लिक करें.

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कच्चे तेल का दाम कैसे नियंत्रित होता है

कच्चे तेल के दाम को नियंत्रित करने में कई कारक शामिल होते हैं, और इसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य, उत्पादक देशों की रक्षा, विभिन्न भौतिक और सांविक तत्वों की मौजूदगी, और ग्राहकों की मांग आदि शामिल होते हैं. यहां कुछ कारगर तरीके हैं जिनसे कच्चे तेल के दामों को नियंत्रित किया जा सकता है. इसके अलावा डॉलर की कीमतों का भी तेल की कीमत पर सीधा असर पड़ता है. कच्चे तेल के दामों को नियंत्रित करने का पहला कदम है कि आपको सुप्लाई और डिमांड के प्रभाव को समझना होगा. अगर तेल की आपूर्ति कम हो और मांग अधिक हो, तो दाम बढ़ सकते हैं. इसके खिलाफ, अगर तेल की आपूर्ति अधिक हो और मांग कम हो, तो दाम घट सकते हैं. कच्चे तेल के दामों को नियंत्रित करने के लिए, आपको अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार की स्थिति को समझना होगा. आपको दुनियाभर के तेल उत्पादक और आपूर्तिकर्ताओं की गतिविधियों का पूर्वानुमान और विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है. वित्तीय संशोधन, जैसे कि ब्याज दर और विनिमय दरों के प्रभाव को ध्यान में रखकर, तेल के दामों पर प्रभाव डाल सकता है. दुनिया भर में जियोपॉलिटिकल घटनाएं जैसे कि युद्ध, संघर्ष, और नॉटिस की घोषणा तेल बाजार पर प्रभाव डाल सकती हैं, और यह दामों को प्रभावित कर सकती हैं. कच्चे तेल के दामों को नियंत्रित करने के लिए, वित्तीय उद्योग के विभिन्न तत्वों की स्थिति को जांचना महत्वपूर्ण है.

भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं

भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार द्वारा तय होते हैं और यह एक डायनामिक प्रक्रिया है जो विभिन्न कारगर कारकों पर निर्भर करती है. यहां कुछ मुख्य कारक हैं जो इस प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं:

  • आंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य (International Market Prices): भारत उपयोगकर्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल के विश्वासपूर्वक संग्रहित वितरण नेटवर्क नहीं है. इसलिए, विश्व बाजार में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में उत्तराधिकार खत्म होने के बावजूद, भारत अंत में मात्रा और वितरण में परिभाषित है.

  • कर और शुल्क (Taxes and Duties): पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को निर्धारित करने में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने वाले कर और शुल्क शामिल होते हैं. यह आमतौर पर विभिन्न अद्यावधिक निर्णयों के आधार पर बदल सकते हैं.

  • राज्य सरकारों का योगदान (State Government Contribution): राज्य सरकारें भी पेट्रोल और डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए अपने योगदान को शामिल कर सकती हैं. वे अपने राज्य में विभिन्न शुल्क और करों को लागू कर सकते हैं.

  • मुद्रा की मांग और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति (Demand for Currency and Supply of Petroleum Products): पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और उनकी आपूर्ति के बीच संतुलन भी मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं. यदि उत्पादों की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है, तो मूल्यों में वृद्धि हो सकती है. उत्पादों की मांग कम है और आपूर्ति अधिक है, तो मूल्यों में कमी हो सकती है.

  • निर्यात और आयात की घटनाएं (Export and Import Events): विभिन्न निर्यात और आयात की घटनाएं भी पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को प्रभावित कर सकती हैं. ये घटनाएं विभिन्न देशों और उत्पादकों के बीच होती हैं और मूल्यों पर प्रभाव डालती हैं.

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