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पेट्रोल-डीजल जल्द होंगे सस्ते, दिवाली तक मिल सकती है खुशखबरी

Petrol-Diesel: भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों का 85 फीसदी आयात करता है और इसका ईंधन मूल्य निर्धारण अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से होता है. पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने मूल्य निर्धारण की आजादी होने के बावजूद 2021 के अंत से लागत के अनुरूप कीमतों में संशोधन नहीं किया है.

By KumarVishwat Sen | September 14, 2024 11:46 AM

Petrol-Diesel: त्योहारी सीजन के दौरान देश में बहुत बड़ी खुशखबरी आने वाली है. इससे लाखों गाड़ी मालिकों को फायदा होने वाला है. यह फायदा पेट्रोल-डीजल से जुड़े दाम को लेकर है. अगर आपके पास भी गाड़ी है, तो अपनी टंकी को थोड़ा खाली रखिए. पेट्रोल-डीजल के दाम घटने वाले हैं. इसका कारण यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और ब्रेंट क्रूड लगातार सस्ते हो रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत सालाना आधार पर 6.53% गिरकर 72.12 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई. वहीं, कच्चे तेल की कीमत 3.38% घटकर 69.24 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. कच्चे तेल की कीमत में लगातार हो रही गिरावट के बाद अब संभावना यह है कि अगर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट जारी रही, तो दिवाली तक देश में पेट्रोल-डीजल सस्ते होंगे.

कच्चा तेल के सस्ता रहने पर घटेगा पेट्रोल-डीजल का दाम

पेट्रो इंडस्ट्री के सूत्र और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती तभी संभव है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहे. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड पिछले मंगलवार को 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया था. दिसंबर, 2021 के बाद पहली बार ऐसा हुआ, लेकिन फ्रैंकाइन तूफान आने से मेक्सिको की खाड़ी में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने से कच्चा तेल फिर से चढ़ गया. शुक्रवार को को ब्रेंट क्रूड 72.12 डॉलर प्रति बैरल रहा जबकि वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट बढ़कर 69.24 डॉलर के करीब पहुंच गया.

दो साल से पेट्रोल-डीजल की कीमत में बदलाव नहीं

मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि अगर कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का रुख जारी रहता है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें संशोधित की जाएंगी. पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस साल की शुरुआत में चुनाव-पूर्व कटौती को छोड़कर अब दो साल से अधिक समय से स्थिर हैं. पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें निरंतर कम होती हैं, तो पेट्रोलियम कंपनियां ईंधन की कीमतों को कम करने पर उचित निर्णय लेंगी.

ऊहापोह की स्थिति में कंपनियां

पेट्रो इंडस्ट्री के सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों ईंधन खुदरा विक्रेता कंपनियां पेट्रोल और डीजल पर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन कीमतों में कटौती का फैसला करने से पहले वे कीमतों में सुधार की प्रवृत्ति सुनिश्चित करना चाहती हैं. एक अधिकारी ने कहा कि पेट्रोलियम विपणन कंपनियां ऐसी स्थिति नहीं चाहती हैं कि वे कीमतों में कटौती करें और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी हो जाए. ये कंपनियां फिलहाल ऊहापोह की स्थिति में हैं.

दो-दो रुपये सस्ते हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल

ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने उम्मीद जताई है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती करेंगी. एमके ग्लोबल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में एक महीने के लिए आदर्श आचार संहिता लागू है. ऐसे में, हमें दिवाली के आसपास और महाराष्ट्र चुनाव की आदर्श आचार संहिता से पहले कटौती होने की उम्मीद है. पेट्रोल और डीजल पर दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती हो सकती है.

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85 फीसदी तेल आयात करता है भारत

भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों का 85 फीसदी आयात करता है और इसका ईंधन मूल्य निर्धारण अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से होता है. पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने मूल्य निर्धारण की आजादी होने के बावजूद 2021 के अंत से लागत के अनुरूप कीमतों में संशोधन नहीं किया है. उन्होंने आम चुनावों से ठीक पहले कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की और फिर दरों को स्थिर कर दिया. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल का भाव 87.62 रुपये प्रति लीटर है.

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