Petrol Rate: पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Prices) की आसमान छूती कीमतों से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने खुद यह बात स्पष्ट कर दी है. वित्त मंत्री ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफा के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए 1.44 लाख करोड़ रुपये के तेल बांड्स (Oil Bonds) बेचे. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि वह यूपीए सरकार के उस खेल में नहीं पड़ेंगी. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने तेल के बांड्स जारी किये और उसका बोझ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को झेलना पड़ रहा है.
UPA Govt had reduced fuel prices by issuing Oil Bonds of Rs 1.44 lakh crores. I can't go by the trickery that was played by previous UPA Govt. Due to Oil Bonds, the burden has come to our Govt, that's why we are unable to reduce prices of petrol & diesel: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/8zMJoLRFmZ
— ANI (@ANI) August 16, 2021
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल (Petrol Prices in India) की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए ईंधन की कीमतों पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में अभी कोई कमी नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने ऑयल बांड्स जारी किये थे और उसका भारी-भरकम ब्याज वर्तमान सरकार को चुकाना पड़ रहा है. राजकोष पर ब्याज का इतना बोझ बढ़ गया है कि वर्तमान में ईंधन पर लगने वाले किसी टैक्स में कोई रियायत नहीं दी जा सकती.
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले 5 साल में उनकी सरकार ने सिर्फ तेल बांड्स के ब्याज पर 62,000 करोड़ रुपये चुकाये हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 तक सरकार को अभी ऑयल बांड्स के ब्याज के रूप में 37,000 करोड़ रुपये चुकाने हैं. उन्होंने कहा कि ब्याज के अतिरिक्त 1.30 लाख करोड़ रुपये का बोझ भी है, जिसको चुकाना है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार के ऊपर ऑयल बांड का इतना बड़ा बोझ नहीं होता, तो मैं एक्साइज ड्यूटी कम करने की स्थिति में होती.
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Posted By: MIthilesh Jha
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