पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, कम्प्रेस्ड बायोगैस में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत
कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) पर दो दिन का वैश्विक सम्मेलन सोमवार से नई दिल्ली में आयोजित किया गया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बताया कि बैठक का विषय 'सुदृढ सीबीजी फाउंडेशन और विकास के लिए प्रगतिशील नीतिगत ढांचे की आवश्यकता' है.
नई दिल्ली : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि हम सीबीजी (कम्प्रेस्ड बायोगैस) को लेकर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. सीबीजी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है और कुछ राज्य सरकारें भी इसे लेकर आगे बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि मैंने अब तक किसी राज्य सरकार से नहीं सुना कि सीबीजी संयंत्र बनने में इसलिए रुकावट आई हो, क्योंकि उसमें फाइनेंस न मिल रहा हो.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जैव ईंधन के क्षेत्र में हमारा 2030 तक 20 फीसदी तक पहुंचने लक्ष्य था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने लक्ष्य को 2025 में बदल दिया है और हम इसे अगले वर्ष के भीतर प्राप्त कर लेंगे. हम 2022 में 5 महीने पहले ही अपने बायोफ्यूल लक्ष्य तक पहुंच गए हैं.
In the area of biofuel, we had a target of 20% biofuel mixing by 2030 but PM Modi has changed the target to 2025 and we will achieve it within the next year. We also reached our biofuel target of 2022, 5 months before the target: Minister for Petroleum and Natural Gas Hardeep… pic.twitter.com/1M2JR3o0zR
— ANI (@ANI) April 17, 2023
बता दें कि कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) पर दो दिन का वैश्विक सम्मेलन सोमवार से नई दिल्ली में आयोजित किया गया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बताया कि बैठक का विषय ‘सुदृढ सीबीजी फाउंडेशन और विकास के लिए प्रगतिशील नीतिगत ढांचे की आवश्यकता’ है. सम्मेलन का उद्देश्य कंप्रेस्ड बायोगैस उद्योग के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए उपायों के बारे में उद्योग को अवगत कराना तथा उन क्षेत्रों की पहचान करना है, जहां नीतिगत संशोधन करने की आवश्यकता है.
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इस बीच, पेट्रोलियम एंव प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा कि भारत 2070 तक कार्बन-मुक्त का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वचनबद्ध है और सरकार ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने में कम्प्रेस्ड बायोगैस की भूमिका महत्वपूर्ण है और इसे सस्ती परिवहन योजना के एक विकल्प के रूप में बढावा दिया जा रहा है.
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