PF advance News : कोरोना महामारी ने लोगों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है. इस दौरान रोजी-रोटी के संकट को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को भविष्य निधि खाते (पीएफ अकाउंट) से एडवांस के तौर पर सुविधा दी थी, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिली थी. अब चूंकि देश में कोरोना की दूसरी लहर जारी है और देश के विभिन्न राज्यों में छोटे-छोटे लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसी स्थिति में लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर, वैसे लोग ज्यादा बेहाल हैं, जो निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करते हैं. ऐसे में, उनके पास एकमात्र सहारा उनका अपना पीएफ ही बचता है, जिसमें जमा राशि को एडवांस के तौर पर निकालकर वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं.
अब इसमें संशय की स्थिति यह है कि कई लोग पीएफ खाते में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दरों का सही तरीके से मूल्यांकन नहीं कर पाते हैं, तो वे अपने नफा-नुकसान का मूल्यांकन नहीं कर पाते हैं कि वे जब अपने पीएफ खाते से पैसा निकालेंगे, तो कैसे निकालें और यदि निकाल भी लिया तो ब्याज के तौर पर कितना पैसा देना पड़ेगा? आइए, इसी तरह के कई सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं और यह जानते हैं कि आखिर इसकी प्रक्रिया क्या है…?
ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नियमों के अनुसार, जब कोई कर्मचारी अपने पीएफ खाते से एडवांस के तौर पर रकम पाने के लिए आवेदन करता है, तो अप्लाई करने के करीब 72 घंटे के अंदर उसके बैंक खाते में पैसा पहुंच जाएगा. अगर इस निर्धारित समय में कर्मचारी के खाते में पैसा नहीं पहुंचता है, तो वह इसके लिए दरयाफ्त भी कर सकता है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़ा हुआ कोई भी कर्मचारी पीएफ खाते में जमा राशि का करीब 75 फीसदी रकम तत्काल निकाल सकता है या फिर अपने 3 महीने वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता जोड़कर) के बराबर की राशि निकाल सकता है. अब इसमें कर्मचारी को यह तय करना है कि वह तीन महीने का वेतन एडवांस के तौर पर निकालेगा या फिर जमा राशि में से 75 फीसदी रकम.
इसका एक ही जवाब है और वह है नहीं. जब भी आप पीएफ खाते में जमा रकम से पैसा निकालते हैं, तो आपको उसके बदले में पैसा वापस नहीं करना है. हां, यह बात दीगर है कि 21वीं सदी से पहले ईपीएफओ के सदस्य कर्मचारियों को एडवांस के तौर पर पैसे की निकासी के बाद रकम वापस भी करना पड़ता था और उसके बदले में उन्हें ब्याज का भी भुगतान करना होता था. लेकिन, ईपीएफओ के नियमों में बदलाव की वजह से अब एडवांस के तौर पर पैसे की निकासी के बाद न तो उसे रकम को लौटाना है और न ही उसके बदले में ब्याज का भुगतान करना है. इसका कारण यह है कि जिस कर्मचारी के वेतन से पैसे की कटौती करने के बाद पीएफ खाते में जमा किया जाता है, ईपीएफओ उस पैसे को बाजार में निवेश करके उस पर भी ब्याज कमाता है और उसी ब्याज के ब्याज यानी कंपाउंड इंट्रेस्ट वसूलने के बाद कर्मचारियों की जमा रकम पर ब्याज का भुगतान करता है.
इसका जवाब भी नहीं ही में होगा, क्योंकि कामगारों को महामारी में आर्थिक संकट के मद्देनजर अग्रिम राशि की निकासी की सुविधा दी जा रही है. इसलिए इस पर किसी प्रकार का टैक्स लगने का सवाल की पैदा नहीं होता. हालांकि, अगर ईपीएफओ के नियमों को देखें, तो जिस किसी भी कर्मचारी का खाता पांच साल से कम समय का है, उस खाते से अग्रिम राशि की निकासी पर 10 फीसदी का टीडीएस तो बनता है, लेकिन महामारी के इस दौर में सब माफ है.
इसके लिए किसी दस्तावेज या सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत नहीं है. आप घर बैठे खुद भी ईपीएफओ के पोर्टल पर जाकर इसके लिए आवेदन जमा कर सकते हैं. इसके लिए आपको केवल अपने बैंक का एक रद्द किया हुआ चेक की तस्वीर खींच के डालनी होगी, ताकि आपके उस बैंक खाते में एडवांस की रकम पहुंच जाए.
ईपीएफओ से अग्रिम राशि पाने के लिए आपको उसके आधिकारिक वेबसाइट https://unifiedportlamem.epfoindia.gov.in/memberinterface पर लॉगइन करना होगा और फिर इस पर अग्रिम राशि पाने के लिए अपना दावा पेश कर दीजिए. नहीं तो आप उमंग एप के जरिए भी यह काम कर सकते हैं.
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Posted by : Vishwat Sen
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