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3 महीने तक आपकी सैलरी से नहीं कटेगा PF का पैसा, लेकिन सरकार ने लगाई है ये जरूरी शर्त…

कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए सरकार की ओर से लागू लॉक डाउन के दौरान आप घर पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर रहे हैं और आप नौकरी-पेशा हैं, तो आपको अपनी सैलरी के साथ-साथ पीएफ खाते में अंशदान की भी चिंता सता रही होगी.

By KumarVishwat Sen | April 7, 2020 6:46 PM

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए सरकार की ओर से लागू लॉक डाउन के दौरान आप घर पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर रहे हैं और आप नौकरी-पेशा हैं, तो आपको अपनी सैलरी के साथ-साथ पीएफ खाते में अंशदान की भी चिंता सता रही होगी. लेकिन, आपको यह भी पता होगा कि तीन महीने तक आपकी सैलरी से पीएफ का पैसा नहीं कटेगा. तीन महीनों तक आपके और आपकी कंपनी के हिस्से का पैसा आपके पीएफ खाते में सरकार डालेगी, लेकिन इसके पीछे सरकार ने एक शर्त भी लगा दी है.

इसे भी पढ़ें : अगले तीन महीने तक EPF खातों में नियोक्ता और कर्मचारियों के हिस्से की रकम डालेगी सरकार, शर्त रहेगी ये…

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये किया था ऐलान : कोरोना वायरस महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार की ओर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार ने बीते 26 मार्च को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों में आगामी तीन महीने तक नियोक्ता (Employer) और कर्मचारी (Employee) के हिस्से की रकम डालने का ऐलान किया था.

सरकार ने लगायी ये शर्त : सरकार के राहत पैकेज के तहत नौकरी-पेशा लोगों को राहत देने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार उन कंपनियों के कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में यह रकम डालेगी, जिन कंपनियों में 100 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. इसमें भी शर्त यह है कि सरकार उन कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में रकम डालेगी, जो अपने नियोक्ता से 15,000 रुपये से कम वेतन लेते हैं. सरकार के इस कदम से देश के 80 लाख मजदूरों और 4 लाख संगठित इकाइयों के कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा.

सरकार की शर्त को ऐसे समझें : समझने वाली बात यह है कि यदि आप नौकरी-पेशा आदमी हैं और आपकी सैलरी 15,000 रुपये या उससे कम है, तो आपके पीएफ खाते में सरकार आपकी कंपनी और आपके हिस्से का पैसा नहीं डालेगी. इसमें आवश्यक शर्त यह है कि आप जिस कंपनी में काम करते हैं और आपकी सैलरी 15,000 रुपये है, तो आपकी कंपनी (स्थापना) में कम से कम 100 कर्मचारी होने चाहिए. अब जिस कंपनी में 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और उसमें से ज्यादातर कर्मचारियों की सैलरी 15,000 रुपये या इससे कम है, तो इस कंपनी के कर्मचारियों के पीएफ खाते में तीन महीने तक सरकार पैसा नहीं डालेगी. इसके साथ ही, यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि यदि किसी कंपनी में 100 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं और उसमें से ज्यादातर लोगों की सैलरी 15,000 रुपये से अधिक है, तो 15,000 रुपये से अधिक सैलरी पाने वालों के पीएफ खाते भी सरकार पैसा नहीं डालेगी.

इस शर्त को ध्यान से पढ़ें : भारत सरकार अगले तीन महीनों के लिए नियोक्ता और कर्मचारी (12 फीसदी प्रत्येक) के योगदान का भुगतान करेगी, यदि आपकी स्थापना (कंपनी या संस्थान) में 100 कर्मचारी हैं और उनमें से 90 फीसदी 15000 रुपये से कम सैलरी पाते हैं. सरकार की ओर से उठाये गये इस कदम से आपको वित्तीय रूप से फायदा होगा और आपके पेरोल पर कर्मचारियों की निरंतरता को भी बनाए रखेगा. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सभी कर्मचारियों को वेतन देना और समय पर ईसीआर दाखिल करना सुनिश्चित करें.

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