नयी दिल्ली : पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने गुरुवार को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष के अंत तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत गारंटीड रिटर्न देने वाले उत्पाद को अंतिम रूप दे सकता है. पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा कि न्यूनतम गारंटीड रिटर्न वाले उत्पाद को लेकर पिछले साल बातचीत हुई थी. एनपीएस बाजार से जुड़ा उत्पाद है और इसने पिछले 10 साल में लगभग 10 फीसदी का रिटर्न दिया है.
बंदोपाध्याय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीमा क्षेत्र में जो भी गारंटी वाले उत्पाद थे, उन्हें धीरे-धीरे वापस ले लिया गया, क्योंकि यह महसूस किया गया कि लंबी अवधि तक इसे बनाये रखना संगठनों के लिए व्यवहारिक नहीं है. उन्होंने कहा कि गारंटीड उत्पाद की पेशकश हमारे कानून का हिस्सा है. हमें यह करना है.
उन्होंने कहा कि जैसे ही आप गारंटी वाला उत्पाद देते हैं, कोष प्रबंधकों के लिए पूंजी पर्याप्तता की जरूरत बढ़ जाती है. फिलहाल, हम जो कर रहे हैं, उसमें उत्पाद ‘मार्क टू मार्केट’ (बाजार मूल्य पर संपत्ति की कीमत तय करने की प्रक्रिया) पर आधारित है. हम निवेश को लेकर कोई जोखिम नहीं ले रहे.
उन्होंने कहा कि नियामक जल्दी ही एक समिति गठित करेगा. हम इस वित्त वर्ष में उत्पाद तैयार करेंगे और उसे निदेशक मंडल के समक्ष रखेंगे. अगले छह महीने में आपको ऐसे उत्पाद देखने को मिल सकता है, लेकिन उसे पेश करने में देरी हो सकती है. इसके अलावा, नियामक एक सार्वभौमिक पेंशन योजना पर भी विचार कर रहा है.
बंदोपाध्याय ने कहा कि हमने सार्वभौमिक पेंशन के बारे में ब्योरा रखा (वित्त मंत्रालय के समक्ष) है. वास्तव में हम यह कोशिश कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में लोग पेंशन के दायरे में आएं, जो अभी नहीं हो रहा. खासकर, छोटे कारोबारियों और असंगठित क्षेत्र के लिए यह जरूरी है, जहां 20 से कम लोग काम करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि क्या हम उन्हें एनपीएस या अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के दायरे में ला सकते हैं.’
Posted By : Vishwat Sen
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