Philanthropists In India: देश में बड़े उद्योगपतियों और कारोबारियों की कमी नहीं है. इस बीच, HCL Technology के संस्थापक शिव नादर ₹2,042 करोड़ का दान देकर सबसे परोपकारी व्यक्ति के रुप में उभरे हैं. इन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले करीब 76 प्रतिशत ज्यादा दान किया है. इसमें बताया गया है कि 78 वर्षीय शिव नादर पांच साल में तीसरी बार दानवीरों की लिस्ट में पहले स्थान पर पहुंचे हैं.
भारत में दानवीरों की ये सूची, एडलगीव हुरून इंडिया परोपकार सूची 2023 (EdelGive Hurun India Philanthropy List 2023) के द्वारा जारी किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष 10 लोगों के द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में ₹3,034 करोड़ दान किया गया था. जबकि, वित्त वर्ष 2022-23 में ₹5,806 करोड़ का दान दिया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि शिव नादर के बाद अजीम प्रेमजी, मुकेश अंबानी और कुमार मंगलम बिड़ला लिस्ट में उपर से काबिज हैं. शीर्ष 10 परोपकारियों ने सामूहिक रूप से 2022-23 में ₹5,806 करोड़ का दान दिया, जो पिछले वर्ष से काफी ज्यादा है. इसमें दावा किया गया है कि हाल के वर्षों में ₹100 करोड़ और ₹50 करोड़ से अधिक का योगदान देने वालों की संख्या काफी बढ़ी है.
दानवीरों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर विप्रो के संस्थापक 78 वर्षीय अजीम प्रेमजी हैं. उन्होंने मुख्य रूप से शिक्षा-संबंधी कार्यों के लिए ₹1,774 करोड़ का दान दिया. यह उनके पिछले योगदान से 267% की बढ़ोतरी है.
एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष मुकेश अंबानी के द्वारा भी खुलकर दान किया गया है. उन्होंने समाज के लिए करीब ₹376 करोड़ रुपये का दान किया है.
आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला ने ₹287 करोड़ के दान किया है. इसके साथ ही, लिस्ट में वो चौथे स्थान पर शामिल हैं.
अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी शैक्षिक कारणों से ₹285 करोड़ के दान के साथ 2022 से दो रैंकिंग ऊपर चढ़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं. जबकि, बजाज परिवार ने मुख्य रूप से शिक्षा क्षेत्र में ₹264 करोड़ के दान किया है. इसके कारण वो लिस्ट में 11 स्थानों की छलांग लगाकर सूची में छठे स्थान पर पहुंच गया.
वेदांत समूह के अनिल अग्रवाल और परिवार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में दान के लिए ₹241 करोड़ का दान दिया है. अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के द्वारा 2015 में शुरू की गई परियोजना नंद घर के लिए भी पैसे खर्च किया है. यह भारत में 13.7 लाख आंगनवाड़ियों में सात करोड़ बच्चों और दो करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था.
इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और उनकी पत्नी रोहिणी, जो रोहिणी नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज की प्रमुख हैं क्रमशः ₹189 करोड़ और ₹170 करोड़ के वार्षिक दान के साथ सूची में 8वें और 10वें स्थान पर हैं. नीलेकणियों ने अपनी आधी संपत्ति परोपकारी गतिविधियों के लिए समर्पित करते हुए ‘गिविंग प्लेज’ पर हस्ताक्षर किए हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साइरस और अदार पूनावाला स्वास्थ्य देखभाल के लिए ₹179 करोड़ के वार्षिक दान के साथ 9वें स्थान पर हैं. वे चार पायदान ऊपर चढ़ गये हैं.
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