PLI Scheme : देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile sector) में जल्द ही पीएलआई स्कीम (Production linked incentive scheme : PLI Scheme) शुरू की जा सकती है. शुक्रवार को भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) ने जानकारी दी है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में पीएलआई स्कीम को लागू करने के लिए सरकार स्टेकहोल्डर्स के साथ तालमेल बिठाने के अंतिम दौर में है. मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना के जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.
1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सम्मेलन में कहा कि सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पीएलआई स्कीम के लिए बड़ी रकम रखी है. इसका एक अहम हिस्सा वाहन विनिर्माण के लिए भी है. ऐसे में, स्कीम का आकार करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये रहेगा. उन्होंने कहा कि अब हम स्टेकहोल्डर्स के साथ इसके तौर-तरीकों को लेकर बातचीत के दौर में है और इसके जल्द ही अंतिम स्वरूप लेने की उम्मीद है.
कैबिनेट ने पिछले महीने दी थी मंजूरी
ऑटो सेक्टर के लिए भारी उद्योग मंत्रालय नीतियां बनाकर उसे लागू करता है. केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले महीने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी थी. यह स्कीम 10 क्षेत्रों के लिए लाई जा रही है. इसके स्कीम के तहत फार्मा सेक्टर, ऑटो सेक्टर, टेलीकॉम सेक्टर, टेक्सटाइल सेक्टर, फूड प्रोडक्शन, सोलर फोटोवॉल्विक सेल और बैटरी इत्यादि के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए अगले 5 साल में 1,45,980 करोड़ रुपये का आंवटन किया गया है.
क्या है पीएलआई स्कीम?
पीएलआई स्कीम एक आउटपुट आधारित प्रोत्साहन स्कीम है, जिसमें निर्माता और उत्पादक यदि किसी सामान का उत्पादन करते हैं, तो उसे सरकार की तरफ से पहले से निर्धारित प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है. इस योजना के अंतर्गत 5-7 साल के लिए नकद प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसमें सभी उभरते हुए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जाता है. इन निर्माण क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान और सोलर पावर सिस्टम शामिल हो सकते हैं.
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Posted By : Vishwat Sen
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