PM Fasal Bima Yojana: देश में मानसून की बारिश से कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से हजारों एकड़ में फैली फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं, देश के कुछ हिस्से जैसे बिहार में बारिश नहीं होने से सुखे की स्थिति पैदा हो गयी है. खेत में धान के तैयार बिचड़े बर्बाद हो रहे हैं. ऐसे में परेशान किसानों की केंद्र सरकार मदद करेगी. केंद्र सरकार के द्वारा बाढ़ और सुखा के साथ किसी भी मौसमी स्थिति में फसल के खराब होने पर किसानों को मुआवजा देने के लिए बीमा योजना लाया गया है. इस बीमा योजना का नाम, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) है. इस योजना में किसानों की रबी और खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है. यह योजना 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के किसानों को किसानों की फसलों के खराब होने और फसली आपदा के कारण होने वाले नुकसान के खिलाफ वित्तीय संरक्षण प्रदान करना है. PMFBY के तहत किसानों को बेहतर बीमा सुविधा प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी फसल के नुकसान के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इस योजना में सरकार, किसान, और बीमा कंपनियों के बीच प्रभावी भागीदारी होती है.
PMFBY क्यों है किसानों के लिए खास
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों को फसल बीमा के लिए प्रीमियम भुगतान करना होता है, जिसका भुगतान किसान और सरकार दोनों करते हैं. इस योजना में प्रीमियम दर बहुत न्यूनतम होती है, जिससे किसानों को बीमा करवाने में आसानी होती है. यदि किसानों की फसल खराब होती है या फसली आपदा होती है, तो उन्हें नुकसान के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. यदि फसल के नुकसान का दावा किया जाता है, तो बीमा कंपनी द्वारा वित्तीय सहायता का तुरंत निष्पादन किया जाता है. इसके साथ ही, इस योजना में डिजिटल तकनीकी का प्रयोग किया जाता है, जिससे बीमा का लाभ किसानों तक तेजी से पहुंचता है. किसान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से फसल बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे उन्हें आसानी से बीमा करवाने का विकल्प मिलता है. केंद्र सरकार के PMFBY योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के किसानों को फसली आपदा और फसल के नुकसान के खिलाफ वित्तीय संरक्षण प्रदान करना है.
फसल बीमा योजना में कितना देना होता है प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में प्रीमियम भुगतान की दरें किसानों के राज्य और फसल के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती हैं. प्रीमियम भुगतान की दरें वार्षिक रूप से निर्धारित की जाती हैं और ये दरें व्यवस्थापक समितियों द्वारा तय की जाती हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम के भुगतान के लिए किसान और सरकार दोनों हिस्सेदार होते हैं. किसान अपने करीबी बैंक शाखा, कृषि सेवा केंद्र या किसी डिजिटल पोर्टल के माध्यम से अपने फसल बीमा योजना में शामिल हो सकते हैं और प्रीमियम की भुगतान कर सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम की दरें बहुत न्यूनतम होती हैं जिससे किसानों को फसल बीमा करवाने में आसानी होती है. योजना के अंतर्गत, प्रीमियम के भुगतान के बाद, फसल के नुकसान की स्थिति में भुगतान का निष्पादन किया जाता है. प्रीमियम की दरें समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं और इनके बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा या कृषि सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. वर्तमान में खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और नकदी फसलों के लिए 5 प्रतिशत तक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
72 घंटों में मिलेगा बीमा का पैसा
केंद्र सरकार के द्वारा किसानों को दी जा रही फसल बीमा योजना का लाभ फसल खराब होने और सर्वे के 72 घंटों के भीतर सीधे बीमा करवाने वाले किसान के खाते में आएगा. बीमा योजना के तहत 18 बीमा कंपनियां, 170,000 बैंक शाखाएं और 44,000 साझा सेवा केंद्र 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सेवा दे रहे हैं. ऐसे में किसानों को बीमा करवाने के लिए पहुंत परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही, बीमा के किस्त की राशि भी काफी सामान्य रखी गयी है. जिसे भुगतान करने में किसानों को मुश्किल नहीं हो.
कैसे फसल का करायें बीमा
PMFBY के तहत अपने फसल का बीमा करना के लिए सबसे पहले किसान को अपने नजदीकी कृषि सेवा केंद्र या बैंक शाखा से संपर्क करना होगा. यहां पर आपको योजना के बारे में जानकारी मिलेगी और आपको आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बारे में बताया जाएगा. आपको आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन पत्र भरना होगा. आवेदन पत्र आपको बैंक शाखा या कृषि सेवा केंद्र से मिलेगा. इसमें अपनी पहचान प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, जमीन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, फसल का विवरण, आदि की जानकारी भरनी होगी. PMFBY के तहत फसल बीमा करवाने के लिए किसानों को प्रीमियम भुगतान करना होगा. प्रीमियम भुगतान की राशि भी आपको आवेदन पत्र में बताई जाएगी. प्रीमियम की भुगतान करने के बाद ही आपको बीमा का लाभ मिलेगा. प्रीमियम भुगतान के साथ, आपको अपने बीमा दस्तावेज भी जमा करने होंगे. इसमें आपकी फसल से संबंधित जानकारी, खराब फसल के नुकसान का विवरण, आदि शामिल होता है. जब फसल के कटने के बाद या फसली आपदा के कारण किसानों को नुकसान होता है, तो उन्हें बीमा कंपनी द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसके लिए, आपको अपने नजदीकी बैंक शाखा या कृषि सेवा केंद्र से संपर्क करना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करना होगा.
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