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PM Kisan 18th Installment: 10 लाख किसानों के खाते में नहीं आएगी 18वीं किस्त! एक्शन में मोदी सरकार

PM Kisan 18th Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कई लोग ऐसे हैं जो संपन्न होने के बाद भी योजना का लाभ ले रहे हैं. ऐसे लोगों पर केंद्र की मोदी सरकार ने सख्ती दिखाई है.

PM Kisan 18th Installment: यदि आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभुक हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. दरअसल, उत्तर प्रदेश में दस लाख किसान वर्तमान में इस योजना के लिए अपनी पात्रता की जांच के दायरे में हैं. प्रदेश की योगी सरकार ने इन किसानों के दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए खास अभियान शुरू किया है. यदि ये पात्र किसान नहीं पाए गए तो हो सकता है इसके खाते में अगली किस्त यानी 18वीं किस्त का पैसा ना पहुंचे.

कई किसान योजना के तहत प्राप्त धनराशि स्वेच्छा से कर रहे हैं वापस

इस बीच, कई किसानों ने योजना के तहत प्राप्त धनराशि स्वेच्छा से वापस कर दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि वे पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे. यह राज्यव्यापी सत्यापन केंद्र द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को दिए गए निर्देश के बाद किया गया है. इसमें योजना के मानदंडों के आधार पर किसानों की पात्रता की जांच की जा रही है. ऐसी खबरें आईं थी कि प्रदेश में कई किसान आर्थिक रूप से संपन्न होने के बावजूद इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.

कितने किसानों की हो रही है जांच?

कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक वीके सिसोदिया ने इस संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में 10 लाख किसानों का रैंडम डेटा उपलब्ध करवाया है. हमें योजना के मानदंडों के आधार पर उनकी पात्रता की जांच करने के लिए कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही योजना के तहत लाभ मिल सके.

कब शुरू की गई पीएम-किसान योजना?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में हुई थी. पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र किसानों को हर चार महीने में 2,000 की तीन बराबर किस्तों में 6,000 की वार्षिक वित्तीय सहायता केंद्र की मोदी सरकार देती है. चाहे किसान की खेती की जमीन कितनी भी बड़ी क्यों न हो. योजना का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है.

किस तरह के किसान पीएम-किसान योजना के लिए पात्र नहीं?

जो किसान सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, या जो टैक्स का भुगतान करते हैं, वे इस योजना के तहत पंजीकरण कराने और लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 10 लाख से अधिक किसान नियमों का उल्लंघन कर योजना का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे किसानों से बैंक खातों में जमा की गई राशि वापस करने को कहा जा रहा है.

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